नई दिल्ली: Matsya Dwadashi 2024: हर साल मार्गशीर्ष मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मत्स्य द्वादशी होती है. इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा की जाती है. लोग व्रत भी रखते हैं और विष्णु के मत्स्य अवतार को पूजते हैं.  चलिए जानते हैं कि इस महीने मत्स्य द्वादशी कब है?


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भगवान का मत्स्य अवतार क्या है?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के 24 अवतार हैं. इनमें से एक मत्स्य अवतार भी है. ऐसा माना जाता है कि एक बार भगवान विष्णु ने पृथ्वी को बचाने के लिए मछली का अवतार लिया था. यही कारण है कि उनके इस अवतार को मत्स्य कहा जाता है.


कब है मत्स्य द्वादशी?
वैदिक पंचांग की मानें तो मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 12 दिसंबर 2024 को प्रात: काल 1:09 बजे से शुरू होगी. इसका समापन अगले दिन यानी 12 दिसंबर 2024 को प्रात: काल 10:26 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार, 12 दिसंबर, 2024 को मत्स्य द्वादशी का व्रत रखा जाएगा.
 
क्यों किया जाता है मत्स्य द्वादशी का व्रत?
ऐसी मान्यता है कि मत्स्य द्वादशी का व्रत रखने से, भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा करने से घर में खुशहाली आती है. आपके घर में सुख, समृद्धि और शांति आती है.  भगवान विष्णु के प्रसन्न होने पर आपके सामने आर्थिक तंगी की स्थिति भी नहीं आती. मत्स्य द्वादशी के दिन आपको सबसे पहले गणेश जी की पूजा करनी है, इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. स्नान करने के बाद आपको इस खास दिन के लिए शुद्ध पीले रंग के वस्त्र धारण करने हैं.

मत्स्य द्वादशी के दिन के मुहूर्त
12 दिसंबर के ये मुहूर्त:-
सूर्योदय: सुबह 07:03 बजे
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05:27 बजे से 06:15 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:59 बजे से लेकर दोपहर 12:41 बजे तक


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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