नई दिल्ली: आज चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है. आज माता कुष्मांडा की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है.  इनकी उपासना से सिद्धियों में निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु-यश में वृद्धि होती है. देवी कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है.


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तेज की देवी हैं माता कुष्मांडा
जब सृष्टि नहीं थी और चारों ओर अंधकार ही अंधकार था तब इन्होंने ईषत हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी. माता कुष्मांडा तेज की देवी हैं. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम करना चाहिए. इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और फिर मां कुष्मांडा सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें. फिर माता की कथा सुनें, इनके मंत्रों का जाप करते हुए ध्यान करें और अंत में आरती उतारकर तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें.


देवी कुष्मांडा के मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां कुष्मांडा रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमरू.


आज का महाउपाय
धन सम्बन्धी परेशानी के लिए-  हो सके तो ललिता सहस्स्रनाम का पाठ जरूर करे. इसे मां लक्ष्मी की कृपा मिलेगी और दरिद्रता का अंत होगा.
स्वास्थ्य के लिए- भगवती को नवरात्र के चोथे दिन पेठे का दान करना  चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य दीर्घायु होता है.


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