नई दिल्लीः विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बिजनौर कोर्ट से जमानत मिल गई है. मंगलवार को उन्हें यह बड़ी राहत मिली. इसके अलावा कोर्ट ने उनके साथ समर्थकों को भी क्वारंटाइन करने का आदेश दिया है. अमरमणि अपने सात समर्थकों के साथ गिरफ्तार किए गए थे, और पुलिस ने उनके खिलाफ महामारी एक्ट समेत आईपीसी की कई धाराओं के तहत कार्रवाई की थी.


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उत्तराखंड यात्रा से उठा था विवाद
पुलिस ने मंगलवार को निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को उनके साथियों सहित कोर्ट में पेश किया था. रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेशी के दौरान अमनमणि त्रिपाठी की जमानत मंजूर कर ली गई. लेकिन अदालत ने पुलिस को आदेश दिया कि उन सभी को 14 दिन के लिए क्वारनटाइन किया जाए. दरअसल यह विवाद अमनमणि त्रिपाठी के उत्तराखंड यात्रा से उठा था. विधायक अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ उत्तराखंड के टिहरी जिले में मुकदमा दर्ज किया गया था.


लॉकडाउन के उल्लंघन का था आरोप
उन पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने का आरोप था. खास बात है कि नियमों की अनदेखी सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट के पितृ कार्य के नाम पर की गई थी. हालांकि, सीएम योगी के भाई महेंद्र ने किसी भी पितृ कार्य से इनकार किया था.



यूपी सरकार ने भी की निंदा
यूपी सरकार ने भी कहा है कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी को उत्तराखंड जाने के लिए अधिकृत किया गया था. यह स्पष्ट करना जरूरी है कि प्रदेश सरकार ने उन्हें उत्तराखंड जाने के लिए अधिकृत नहीं किया था और वह अपने कृत्य के लिए खुद जिम्मेदार हैं. इस घटना को मुख्यमंत्री के साथ जोड़ना निंदनीय है.


चमोली पहुंचे थे अमनमणि त्रिपाठी
आरोप है कि 11 लोगों के साथ विधायक अमनमणि त्रिपाठी चमोली पहुंचे थे. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट का पितृ कार्य पूरा करने के लिए अनुमति मांगी थी. उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने 11 लोगों की अनुमति जारी की थी. देहरादून से लेकर चमोली तक अमनमणि त्रिपाठी को पूरा प्रोटोकॉल दिया था.



कर्णप्रयाग में एसडीएम के साथ बदसलूकी का आरोप
आरोप था कि तीन गाड़ियों में चमोली पहुंचे अमनमणि त्रिपाठी ने एसडीएम कर्णप्रयाग के साथ बदसलूकी कर दी और फिर मामला मीडिया में आ गया. आरोप है कि अमनमणि त्रिपाठी ने गौचर में डॉक्टर और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ बदसलूकी की और रौब दिखाते रहे. कर्णप्रयाग के एसडीएम का कहना था कि अमनमणि त्रिपाठी अन्य लोगों के साथ यूपी से आए थे. उनके पास 3 वाहन थे. उन्हें गौचर बैरियर पर रोक दिया गया.



उन्होंने बैरियर पर रोकने के बावजूद पार किया और कर्णप्रयाग पहुंच गए. उन्होंने डॉक्टरों से बहस की और स्क्रीनिंग में सहयोग नहीं किया. वे बहुत समझाने के बाद लौटे.


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