जयपुर: राजस्थान में सत्ता की लड़ाई बहुत दिलचस्प मोड़ पर आ गयी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने के लिए बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय करवा चुके हैं. बसपा आलाकमान इससे बहुत नाराज है और इसे असंवैधानिक बता रहा है. बसपा ने अपने विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है.


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बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने दाखिल की याचिका


बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने राजस्थान उच्च न्यायालय में बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका दाखिल की है. बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कल कहा था कि बीएसपी पहले भी कोर्ट जा सकती थी, लेकिन हम उस समय का इंतजार कर रहे थे, जब अशोक गहलोत और कांग्रेस को सबक सिखाई जा सके. बसपा कांग्रेस के इस धोखे से बहुत नाराज है क्योंकि राजस्थान में बसपा खत्म हो गयी है और अब उसका एक भी विधायक सदन में नहीं है.


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इन विधायकों ने थाम लिया कांग्रेस का हाथ


उल्लेखनीय है कि बसपा विधायक लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर, भरतपुर) कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में बसपा के इन्हीं 6 प्रत्याशियों ने चुनाव जीता था.


बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा था कि अशोक गहलोत और कांग्रेस ने असंवैधानिक तरीके से सभी बसपा विधायकों का कांग्रेस में विलय करने का काम किया. इसके पहले भी इन्होने ये कार्य किया था और इसलिए व्हिप जारी किया गया.