Supreme Court का बड़ा फैसला: सेंट्रल विस्टा परियोजना का रास्ता साफ, पढ़िए पूरी डिटेल
सेंट्रल विस्टा परियोजना पर देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने अहम फैसला सुनाया है. जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 2-1 के बहुमत से इस परियोजना को मंजूरी दे दी है..
नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत यानि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को बरकरार रखा. साथ ही अदालत ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 3 किमी. के क्षेत्र में फैली इस महत्वाकांक्षी परियोजना का रास्ता साफ कर दिया.
2-1 के बहुमत से अदालत का फैसला
जस्टिस AM खानविलकर (Ajay Manikrao Khanwilkar) की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय पीठ ने 2-1 के बहुमत से फैसला लिया. अपने फैसले में अदालत ने कहा कि परियोजना के लिए जो पर्यावरण मंजूरी दी गई है और भूमि उपयोग में परिवर्तन के लिए जो अधिसूचना जारी की गई है, वे वैध हैं.
जस्टिस खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी (Dinesh Maheshwari) ने अपने फैसले में यह लिखा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना के प्रस्तावक को सभी निर्माण स्थलों पर स्मॉग टॉवर लगाने और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है. वहीं पैनल के तीसरे न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने दोनों ही फैसले पर असहमति जताई.
सेंट्रल विस्टा में कौन सा इलाका?
दिल्ली में राजपथ के दोनों तरफ की जगह
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के पास की जगह
नई दिल्ली के प्रिंसेस पार्क वाली जगह
आपको बता दें, सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी. इसके तहत त्रिकोण के आकार वाले नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा, इसका निर्माण अगस्त 2022 तक पूरा होना है. उसी वर्ष भारत 75वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाएगा.
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क्या है सेंट्रल विस्टा परियोजना?
सेंट्रल विस्टा परियोजना (Central Vista Project) के तहत कई निर्माण होता है. नए संसद भवन का भी इसी के तहत निर्माण होगा. प्रोजेक्ट में करीब 20,000 करोड़ रु. खर्च हो सकता है. नया संसद भवन टाटा ग्रुप बनाएगी. सितंबर 2019 में परियोजना की घोषणा हुई थी. नया संसद भवन नए त्रिकोणाकार होगा. नए संसद भवन में 1244 सदस्य बैठ सकेंगे. अगस्त 2022 तक नये संसद भवन का निर्माण होने की उम्मीद है. इस परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है. यानि पूरा प्रोजेक्ट 2024 तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है.
नए संसद भवन का नंबर गेम
64,500 वर्ग मीटर होगा क्षेत्रफल
2022 में नया संसद भवन तैयार होगा
2000 मजदूर-इंजीनियर निर्माण करेंगे
1224 सांसद एक साथ बैठ सकेंगे
971 करोड़ रुपए आएगी लागत
4 मंजिला होगी नई बिल्डिंग
नए संसद भवन निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट
आपको बता दें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नए संसद भवन के शिलान्यास को मंजूरी दी थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने नए संसद भवन की नींव रखी थी. सर्व-धर्म पूजा के तहत नए संसद का शिलान्यास किया गया, जिसमें सभी धर्मों के गुरुओं ने पूजा की थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.
नए संसद भवन में खूबियां
इमारत त्रिकोणीय होगी
क्षेत्रफल 17 हजार वर्ग मीटर
वर्तमान संसद भवन से बड़ा
64,500 वर्ग मीटर भूमि पर निर्माण
पूर्ण रूप से भूकंपरोधी इमारत
दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम
सांसदों के लिए लॉन्ज
सांसदों के लिए लाइब्रेरी
समितियों के लिए कमरे
बड़ा डाइनिंग हॉल
बड़ी पार्किंग
नए संसद भवन की ज़रूरत क्यों?
मौजूदा संसद भवन करीब 100 साल पुराना है. संसद भवन में जगह की कमी हो रही है. लोकसभा में सिर्फ 552 सांसद ही बैठ सकते हैं. राज्यसभा में 245 सांसदों के बैठने का इंतजाम है. वर्ष 2026 में परिसीमन होने की संभावना है. परिसीमन के बाद लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ेगी.
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न्यायालय ने बहुमत से फैसला सुनाते हुए सेंट्रल विस्टा परियोजना का रास्ता साफ कर दिया. आपको याद दिला दें कि 10 दिसंबर तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस परियोजना की आधारशिला रखी थी. पारम्परिक विधि विधान से ये पूजन सम्पन्न हुआ. इस कार्यक्रम में सभी धर्मों की प्रार्थनाएं की गई.
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