लखनऊ: समूचे देश में पालघर की घटना के बाद से संतों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी है लेकिन मजहबी कट्टरपंथियों के एक विशेष वर्ग को भगवा, सनातन, और मूल भारतीय संस्कृति से इतनी चिढ़ है कि वे इसके खिलाफ किसी भी संन्यासी और भगवाधारी की हत्या कर सकते हैं. पालघर में उग्र और हिंसक भीड़ ने दो निर्दोष संतों की पीट पीटकर हत्या कर दी थी. इसके अलावा देश अन्य कई हिस्सों से संतों की हत्या करने की खबरें आती रहती हैं.


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कट्टरपंथी शख्स ने उड़ाया था भगवा रंग का मजाक


मेरठ के अब्दुल्ला बाजार में एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है इसमें हमेशा लोग भगवान शिव की पूजा करने के लिए आते हैं. बताया जा रहा है कि मंदिर में ही गांव के कांति प्रसाद की दुकान थी और वह मंदिर कमिटी के उपाध्यक्ष भी थी. वह मंदिर की साफ-सफाई के साथ पुजारी का काम भी देखते थे. चश्मदीदों के अनुसार अनस कुरैशी नामक शख्स ने उनके भगवा धारण करने पर अश्लील और भद्दा मजाक किया जिसका कांति ने विरोध किया.


बीच सड़क पर पीट पीटकर मार डाला


आपको बता दें कि अनस कुरैशी के मजाक करने का भगवाधारी और मन्दिर के पुजारी कांति ने विरोध किया, जिसके बाद दोनों के बीच बहस हो गई. अनस का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उसने कांति को बेहद निर्ममतापूर्वक पीटना शुरू कर दिया.


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आरोप है कि लोगों का कहना है कि अनस ने कांति की सड़क पर ही क्रूरतापूर्ण पिटाई की और कांति को अधमरा छोड़कर भाग गया.  वहां से कांति किसी की मदद से जैसे तैसे गांव पहुंचे और अनस कुरैशी के घर जाकर उसकी हरकत की शिकायत की. कांति को अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गयी.


घर पहुंचने पर फिर की पिटाई


बेहद आश्चर्य की बात ये है कि जब कांति मजहबी कट्टरपंथी अनस के घर उसकी शिकायत करने पहुंचे तो  घर पर अनस कुरैशी ने अपने परिवारवालों की मदद से दोबारा कांति की पिटाई की. किसी धर्म से इतनी नफरत का ये ताजा और नया उदाहरण है. भारत में संतों और भगवाधारी लोगों से इतनी नफरत तालिबानियों में ही होती है. गौरतलब है कि पुलिस ने अनस कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.