नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा (Delhi Violence)  के मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पूरी मुस्तैदी से इसके हर पहलू को सामने लाने में जुटी है. इस वक्त कोर्ट में मामले की चार्जशीट दाखिल करने का सिलसिला चल रहा है तो एक-एक करके नागरिकता कानून (CAA) के विरोध की आड़ में दिल्ली को जलाने की साजिश की परतें उधड़-उधड़ कर सामने आ रही हैं. 


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दिल्ली दंगो के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कड़कड़डूमा कोर्ट में 20 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. 


एक और चार्जशीट की दाखिल
इन 20 हजार पन्नों में दिल्ली के उन संभावित गुनाहगारों का नाम है, जिनकी लगाई हुई आग में साल की शुरुआत में 56 लोगों की जान चली गई. पूरी दिल्ली का इलाका अशांत रहा. सड़कों पर पत्थरबाजी हुई. दिल्ली पुलिस के जवान समेत कई आम नागरिकों हत्या हुई.



दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) के आरोपियों के खिलाफ बुधवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA), आईपीसी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत कड़कड़डूमा कोर्ट में एक और चार्जशीट दायर कर दी है. 



 


उमर खालिद, शरजील का नाम अभी नहीं
इन चार्जशीट में उन सभी के नाम बकायदे उनके आरोपित गुनाहों के साथ दर्ज हैं. हालांकि पुलिस ने साफ किया है कि फिलहाल JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद और देश बांटने की बात करने वाले शरजील इमाम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. 



उनका नाम सप्लीमेंट्री चार्जशीट में शामिल किया जाएगा. उमर खालिद को अभी हाल ही में रविवार देर रात गिरफ्तार किया गया था. जिसे 24 सिंतबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. 


न्यायिक हिरासत में है शरजील
दूसरी तरफ शरजील इमाम को न्यायिक हिरासत में है पहले ही भेजा गया है. स्पेशल सेल ने चार्जशीट पेश करते हुए कोर्ट में कहा कि उसके पास 747 गवाह हैं.



इसके अलावा पुलिस के पास सभी आरोपियों की वाट्सऐप चैट और कई अन्य टैक्निकल डॉक्यूमेंट्स भी शामिल हैं, जिनसे इन सभी की दिल्ली में दंगा भड़काने की साजिश की खास भूमिकाएं साबित होती हैं. 


इनके नाम हैं शामिल
स्पेशल सेल की चार्जशीट में आरोपी ताहिर हुसैन, मुहम्मद परवेज अहमद,  मुहम्मद इलियास, सैफी खालिद,  इशरत जहां,  मिरान हैदर, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा,  शादाब अहमद, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मुहम्मद सलीम खान और अतहर खान के नाम शामिल हैं.



स्पेशल सेल ने कोर्ट से कहा कि उन्हें चार्जशीट दाखिल करने के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों जगह से अनुमति मिल गई है.


दंगों के लिए विदेशों से मिली थी फंडिंग
स्पेशल की जांच बताती है कि दिल्ली में CAA विरोधी प्रदर्शनों को विदेशों से फंडिंग व समर्थन मिला था. इसमें PFI जो कि प्रतिबंधित संगठन है, इसने भी समर्थन किया था. इसके अलावा कई छात्र कमेटियों व संगठनों ने भी मिलकर इस साजिश को अंजाम दिया था.



इन संगठनो में पिंजरा तोड़, जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट और JNU व जामिया के पूर्व छात्र शामिल थे.