लखनऊ: उत्तरप्रदेश सरकार का शिकंजा डॉ कफील खान पर बढ़ता जा रहा है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(NSA) तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है. खान पर लगे एनएसए की अवधि 12 मई को खत्म हो रही थी लेकिन अब तीन महीनों की बढ़ोतरी के बाद वह 12 अगस्त तक बाहर नहीं आ सकेंगे.


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CAA के विरोध में की थी आपत्तिजनक बयानबाजी


आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कफील खान ने गृहमंत्री अमित शाह और सरकार के बारे में लोगों के मन में जहर घोलने वाली भाषा में भाषण दिया था. इसके बाद अलीगढ़ में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. छात्रों को संबोधित करने के दौरान खान ने बिना नाम लिए कहा कि 'मोटाभाई' सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं लेकिन इंसान बनना नहीं. उन्होंने आगे कहा कि जब से आरएसएस का अस्तित्व हुआ है, उन्हें संविधान में भरोसा नहीं रह गया.


दिसम्बर में दिया था विवादित बयान


उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर योगेंद्र यादव के साथ डॉ. कफील खान दिसंबर ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में विवादित बयान दिया था. इस पर कफील के खिलाफ सिविल लाइंस केस दर्ज किया गया था. इसी मामले में 10 फरवरी के बाद रिहाई की तैयारी थी. हालांकि, जिला प्रशासन ने डॉ. कफील पर एनएसए के तहत मुकदमा लिख लिया था. इसी के साथ कफील को मथुरा जेल में मुकदमा प्रपत्र रिसीव कराया गया जिसके चलते उनकी रिहाई नहीं.


धोखाधड़ी का भी चल रहा है केस


गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पिछले साल संदिग्ध परिस्थितियों में मरीज बच्चों की मौत के मामले में अभियुक्त डॉ कफील खान और उनके भाई को धोखाधड़ी के नौ साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था.


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पुलिस क्षेत्राधिकारी (कैंट) प्रभात कुमार राय ने बताया था कि शहर के राजघाट थाने में मुजफ्फर आलम नामक व्यक्ति ने वर्ष 2009 में डॉक्टर कफील और उनके भाई अदील अहमद खान के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. गौरतलब है कि जब गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हुई थी तब उसमें भी कफील खान आरोपी पाया गया था.