नई दिल्ली: 1984 Lok Sabha Election Result: देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. इस चुनाव में पीएम मोदी से लेकर राहुल गांधी तक, कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है. भारत में जब-जब लोकसभा चुनाव आते हैं, साल 1984 को जरूर याद किया जाता है. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज, रामविलास पासवान और वसुंधरा राजे समेत कई कद्दावर नेताओं की करारी शिकस्त हुई थी. 


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इंदिरा गांधी की हो गई थी हत्या
दरअसल, साल 1984 में भारतीय सेना ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कहने पर खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाला को मार गिराया. इसे ऑपरेशन ब्लू स्टार नाम दिया गया. सैन्य कार्रवाई में स्वर्ण मंदिर के अकाल तख्त को क्षति पहुंची, इससे सिख समुदाय के एक बड़े वर्ग में भारी असंतोष देखने को मिला. इसका नतीजा भयानक हुआ. 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी. इंदिरा के सिख सुरक्षा गार्ड्स ने ही उनकी हत्या कर दी थी. संजय गांधी की मौत के बाद यह कांग्रेस के लिए दूसरा बड़ा झटका था. इंदिरा की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी को PM की कुर्सी पर बैठाया गया. 


415 सीटों पर कांग्रेस जीती
करीब दो महीने बाद यानी दिसंबर 1984 में लोकसभा चुनाव थे. कांग्रेस की लहर थी. राजीव के प्रति लोगों की सहानुभूति थी. बड़े-बुजुर्गों ने कहा कि बिन मां के बेटे (राजीव) को जिताना है. कांग्रेस ने बंपर सीटों के साथ जीत दर्ज की. 543 में से 415 सीटों पर कांग्रेस पार्टी जीत गई. इतिहास में पहली बार कांग्रेस को 49.1 % वोट मिले. यह स्वतंत्र भारत में किसी राजनीतिक दल की अब तक की सबसे बड़ी जीत है. पीएम मोदी भी राजीव गांधी का यह रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए हैं. 


विपक्षी दलों का हुआ बुरा हाल
1980 में बनी नई-नवेली पार्टी भाजपा ने 1984 के लोकसभा चुनाव में 224 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. केवल दो ही सीटें जीत पाए. पार्टी के संस्थापक अटल बिहारी वाजपेयी भी ग्वालियर से माधवराव सिंधिया से चुनाव हार गए. चंद्रशेखर के नेतृत्व में जनता पार्टी ने 204 सीटों पर चुनाव लड़ा और 10 पर ही जीत पाए. खुद चंद्रशेखर भी बलिया से कांग्रेस के जगन्नाथ चौधरी से लोकसभा चुनाव हार गए. बाबू जगजीवनराम की पार्टी कांग्रेस (जे) से केवल वे ही जीत पाए. चौधरी चरण सिंह की पार्टी लोकदल ने 171 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. 3 ही सीट पर जीत मिली. करीब 75 सीटों पर तो जमानत ही जब्त हो गई. 


ये दिग्गज भी हार गए थे
अटल और चंद्रशेखर के अलावा, चौधरी देवीलाल, जॉर्ज फर्नांडिस, कर्पूरी ठाकुर, रामविलास पासवान, शरद यादव, तारकेश्वरी सिन्हा को भी हार का सामना करना पड़ा. भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, प्रमोद महाजन, वसुंधरा राजे और उमा भारती भी चुनाव हार गए. 


मेनका ने राजीव के खिलाफ लड़ा चुनाव
1984 के लोकसभा चुनाव में मनेका गांधी ने राजीव गांधी के सामने अमेठी से चुनाव लड़ा. सहानुभूति लहर इतनी तेज थी की मेनका अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं. राजीव गांधी को 3,65,041 वोट मिले, जबकि मेनका गांधी को केवल 50,163 वोट ही मिले. चुनाव जीतकर राजीव दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने. 


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