अभी कांग्रेस में रहें, 2024 लोकसभा चुनाव तक रखें नजर, अशोक चह्वाण का समर्थकों को संदेश! मीडिया रिपोर्ट में दावा
अशोक चह्वाण नहीं चाहते कि उनके समर्थकों के राजनीतिक करियर को कोई धक्का लगे. इसी वजह से लोकसभा चुनाव तक सभी समर्थकों को रुकने के लिए कहा गया है. अगर किसी भी रूप में बीजेपी और उसकी समर्थक पार्टियां लोकसभा चुनाव में सरकार बनाने में कामयाब नहीं होती हैं तो चह्वाण के समर्थक विधायकों को झटका लग सकता है और ऐसा चह्वाण बिल्कुल नहीं चाहते. वो चाहते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनके सभी समर्थक विधायकों को टिकट मिले.
मुंबई. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे और अब बीजेपी का हिस्सा अशोक चह्वाण को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में काफी चर्चा है. दरअसल अशोक चह्वाण को आते ही बीजेपी ने राज्यसभा भेजने की तैयारी कर ली है. उन्होंने राज्यसभा के लिए नामांकन भी कर दिया है. चह्वाण के बीजेपी में आने के पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि उनके कई समर्थक भी 'कमल छाप' का दामन थाम सकते हैं. लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अशोक चह्वाण ने अभी अपने समर्थकों को रुकने के लिए कहा है.
रिपोर्ट में दावा- विधानसभा चुनाव से पहले ज्वाइन करेंगे चह्वाण समर्थक
न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक चह्वाण समर्थक कोई भी नेता अभी बीजेपी नहीं ज्वाइन करने जा रहा है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि चह्वाण समर्थक नेता अभी नहीं बल्कि इसी साल के अंत में राज्य विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी का रुख करेंगे. अभी तक अशोक चह्वाण 'वेट एंड वॉच' की रणनीति पर काम कर रहे हैं. उनके 10-13 समर्थक विधायक तो बीजेपी ज्वाइन करने के लिए तैयार हैं. दरअसल चह्वाण ने इस संबंध में एक दिलचस्प प्लान बनाया है. प्लान ये है कि उनके समर्थक जो विधायक अपने 'सेकुलर' विचारों को छोड़कर 'हिंदुत्व' की विचारधारा अपनाने को तैयार हैं, उन्हें बीजेपी में ज्वाइन कराया जाएगा.
बीजेपी या एनसीपी, कहां ज्वाइन कराना है, इसका भी एक प्लान
ऐसे विधायक जो अपने 'सेकुलर छवि' को बनाए रखना चाहते हैं उनके लिए अलग प्लानिंग है. कुछ विधायकों के लिए वोटबेस के लिहाज से सेकुलर छवि ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकती है. तो ऐसे विधायकों को अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का हिस्सा बनाया जाएगा. ऐसा होने पर चह्वाण समर्थक मुस्लिम विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्र में किसी तरह के विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा.
सत्तारूढ़ गठबंधन से कोई कमेंट नहीं
हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस प्लान के संबंध में राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के किसी नेता ने कोई बयान नहीं दिया है. बता दें कि अशोक चह्वाण दूसरे ऐसे नेता हैं जो पहले राज्य के सीएम थे और अब बीजेपी का दामन थामा है. इससे पहले नारायण राणे ने भी बीजेपी का दामन थामा था. पुराने कांग्रेसी परिवार से ताल्लुक रखने वाले अशोक चह्वाण के पिता शंकर राव चह्वाण राज्य के सबसे बड़े नेताओं में शुमार किए जाते रहे हैं. शंकर राव चह्वाण देश के गृह मंत्री भी रहे थे.
मजबूत पकड़ वाले नेता हैं चह्वाण, नहीं चाहते कि समर्थकों को लगे झटका
अशोक चह्वाण की पकड़ मराठवाड़ा क्षेत्र में बहुत मजबूत मानी जाती है. इसके अलावा राज्य के विदर्भ क्षेत्र की कुछ सीटों पर भी उनकी पकड़ मजबूत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अशोक चह्वाण नहीं चाहते कि उनके समर्थकों के राजनीतिक करियर को कोई धक्का लगे. इसी वजह से लोकसभा चुनाव तक सभी समर्थकों को रुकने के लिए कहा गया है. अगर किसी भी रूप में बीजेपी और उसकी समर्थक पार्टियां लोकसभा चुनाव में सरकार बनाने में कामयाब नहीं होती हैं तो चह्वाण के समर्थक विधायकों को झटका लग सकता है और ऐसा चह्वाण बिल्कुल नहीं चाहते. वो चाहते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनके सभी समर्थक विधायकों को टिकट मिले.
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