नई दिल्ली: Atal Bihari Vajpayee: देश में लोकसभा चुनाव करीब हैं. कई दिग्गज नेताओं की साख चुनाव में दांव पर लगी है. हालांकि, एक समय पर देश के दिग्गज नेता तीन से चार लोकसभा सीटों पर भी चुनाव लड़ा करते थे. ताकि किसी भी एक सीट पर जीत मिले और किसी तरह संसद पहुंचें. इसी तरह अटल बिहारी वाजपेयी ने भी 1957 में तीन सीटों से चुनाव लड़ा था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अटल को क्यों लड़वाया चुनाव?
साल 1957 में आम चुनाव हुआ. जनसंघ ने अटल बिहारी वाजपेयी को लखनऊ, बलरामपुर और मथुरा से चुनाव लड़वाया. दरअसल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत के बाद जनसंघ को संसद में एक ऐसे चेहरे की जरूरत थी, जो अच्छा वक्ता हो. सरकार की डटकर मुखालफत कर पाए. अटल का नाम इसमें पहले नंबर पर था. लिहाजा, पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वाने का फैसला किया. 


सामने कौन थे?
अटल बिहारी वाजपेयी को पहले ही अंदाजा हो गया था कि वे बलरामपुर से लोकसभा चुनाव जीत सकते हैं. मथुरा सीट से अटल के सामने राजा महेंद्र प्रताप सिंह भी चुनाव लड़ रहे थे. महेंद्र प्रताप करीब 32 साल तक विदेश में रहे, ताकि देश को आजाद करवा सकें. इसी दौरान उनकी पत्नी और बेटे की भी मौत हो गई. साल 1946 में वे भारत लौट आए. साल 1952 का लोकसभा चुनाव वे हार चुके थे. 


विरोधी के लिए मांगे वोट
अटल बिहारी वाजपेयी महेंद्र प्रताप सिंह का सम्मान करते थे. उन्होंने फैसला किया कि वे राजा महेंद्र प्रताप सिंह को यहां से चुनाव जितवाएंगे. उन्होंने गांधी पार्क की एक सभा में सार्वजनिक तौर पर राजा महेंद्र प्रताप को जिताने की अपील की. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि आजादी के आंदोलन में राजा महेंद्र प्रताप सिंह का अहम योगदान रहा है. उनके सम्मान के लिए उनको वोट दीजिए. 


क्या नतीजे रहे?
चुनाव परिणाम भी अटल के मन मुताबिक ही रहा. राजा महेंद्र प्रताप सिंह चुनाव जीत गए. लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी को मथुरा से 10% वोट ही मिले. वाजपेयी चौथे नंबर पर रहे. हालांकि, अटल बलरामपुर से जीतकर संसद पहुंच गए थे. 


ये भी पढ़ें- चाचा Vs भतीजा... हाजीपुर सीट से आमने-सामने हो सकते हैं चिराग पासवान और पशुपति पारस!


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.