पटना: बिहार में संभव है कि नवम्बर में चुनावी रणभूमि सजा दी जाए और सभी राजनीतिक दलों के योद्धा मैदान में उतर आये. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार कई बदलाव किए हैं. राजद, जदयू और भाजपा विधानसभा चुनाव में मुख्य भूमिका में हैं और समस्त पार्टियों ने शह मात की चालबाजी शुरू कर दी हैं.


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राजद में शामिल होंगे रामा सिंह


उल्लेखनीय है कि पूर्व सांसद रामा सिंह जल्द ही राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम सकते हैं. वे राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के धुरविरोधी माने जाते हैं. रामा सिंह ने साफ कर दिया है कि लालू प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और तेजस्वी यादव की सहमति मिलने के बाद ही उन्होंने 29 अगस्त को आरजेडी में शामिल होने का फैसला किया है.


रघुवंश प्रसाद कर रहे रामा सिंह का विरोध


गौरतलब है कि रामा सिंह ने आरजेडी में शामिल होने की तैयारी तो दो महीने पहले ही कर ली थी. उनके आरजेडी की सदस्यता लेने की 29 जून की तारीख भी तय हो गई थी, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और साथ ही ये भी अटकलें हैं कि वो आरजेडी से अलग भी हो सकते हैं.


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लोजपा से सांसद रह चुके हैं रामा सिंह


आपको बता दें कि 2014 में रामा सिंह लोजपा से लोकसभा सांसद बने थे. रामा किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह बिहार के बाहुबली नेता के तौर पर जाने जाते हैं. 90 के दशक में रामा सिंह का एक नाम तेजी से उभरा था. हाजीपुर से सटे वैशाली के महनार इलाके में इनका बहुत नाम है. रामा सिंह पांच बार विधायक रहे हैं और 2014 के मोदी लहर में राम विलास पासवान की एलजेपी से वैशाली से सांसद रह चुके हैं.