नई दिल्ली.  भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत का दावा कर रही है. इसी क्रम में पार्टी ने अपने लिए 370+ तो वहीं एनडीए गठबंधन के लिए 400+ सीटों का टारगेट रखा है. इस टारगेट को हासिल करने के लिए बीजेपी हर सीट के लिहाज से प्लानिंग कर रही है. पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है और वह अल्पसंख्यक मतदाताओं को भी अपने साथ जोड़ने की मुहिम में जुटी हुई है. 


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बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्च के प्रेसिडेंट जमाल सिद्दीकी ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा है कि पीएम मोदी ने 10 वर्षों के कार्यकाल में मुस्लिम समाज की स्थितियों को बदला है. बदहाली से निकाला है. शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार आया है. यही वजह है कि मुस्लिम समाज के भीतर से डर खत्म हो गया है. उसे गुंडाराज से मुक्ति मिली है. सलमानों के सामने कांग्रेस, सपा, बसपा, RJD और TMC जैसे दल अब पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं.


सिद्दीकी के मुताबिक मुस्लिम समाज को मोदी के रूप में वह नेता मिल गया है जिसकी उन्हें तलाश थी. पहली बार किसी प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने पसमांदा समाज को भागीदारी देने का काम किया. मुस्लिम समाज के बीजेपी को वोट करने को लेकर सिद्दीकी ने कहा कि इसका ट्रेलर रामपुर और आजमगढ़ (लोकसभा उपचुनाव) में दिख गया है और अब देश का मुसलमान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काम करना चाहता है.


खास 65 सीटें
बता दें कि बीजेपी ने देशभर में 65 ऐसी लोकसभा सीटों का चयन किया है, जहां मुस्लिम मतदाताओं की तादाद 35 प्रतिशत से ज्यादा है. मुस्लिम बहुल इन 65 लोकसभा सीटों में से सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 14 लोकसभा सीट हैं और दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल है. बंगाल में 13 लोकसभा सीटों को इसमें शामिल किया गया है. वहीं केरल की 8, असम की 7, जम्मू कश्मीर की 5, बिहार की 4, मध्य प्रदेश की 3 और दिल्ली, गोवा, हरियाणा, महाराष्ट्र और तेलंगाना की 2-2 लोकसभा सीट इस लिस्ट में शामिल हैं.


100 से ज्यादा सीटों पर खास तैयारी
पार्टी ने लोकसभा की मुस्लिम बहुल 100 से ज्यादा सीटों को लेकर खास तैयारी की है. इन सीटों पर लोकसभा प्रभारी के साथ-साथ विधानसभा अनुसार विधानसभा प्रभारी, विधानसभा सह प्रभारी और 'मोदी मित्रों' की तैनाती की गई है. मुस्लिम समाज के लोगों के साथ संवाद कर उन तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाया जा रहा है. मोदी सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और जनकल्याणकारी योजनाओं से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को क्या-क्या लाभ पहुंचा है, इस बात की भी जानकारी दे रहे हैं.


कई कार्यक्रमों के जरिए अल्पसंख्यक समाज तक बनाई पहुंच
अल्पसंख्यक मोर्चे ने 'युवा स्नेह संवाद', 'महिला स्नेह संवाद', 'मोदी स्नेह संवाद', 'सद्भाव स्नेह संवाद', 'बूथ प्रमुख स्नेह संवाद' और 'मोदी मित्र' जैसे कार्यक्रमों के जरिए विधानसभा और बूथ स्तर तक जाकर देशभर में 22 हजार 700 संवाद कार्यक्रम किए. 1,468 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया और 50 लाख से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ सीधा संपर्क किया. मुस्लिम समाज से जुड़े 18 लाख 400 व्यक्ति 'मोदी मित्र' बन चुके हैं. आउटरीच कार्यक्रमों को मिल रहे रिस्पांस से भाजपा के रणनीतिकारों को यह लग रहा है कि कि इस बार मुस्लिम समाज के लोग बड़े पैमाने पर भाजपा को वोट करने जा रहे हैं.