Bengal Election: चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ इलेक्शन कमीशन ने कसी `ममता की पुलिस` पर नकेल
पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों के लिए 8 चरण में होने वाले मतदान में सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी केंद्रीय सशस्त्र बलों के कंधों पर होगी.
नई दिल्ली: केंद्रीय चुनाव आयोग ने शनिवार को पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी सहित पांच राज्यों की विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. इन पांच राज्यों में से पूरे देश की नजरें पश्चिम बंगाल पर टिकी हुई हैं जहां दस साल से सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की सरकार को बेदखल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है.
बंगाल में आठ चरण में होगा मतदान
पश्चिम बंगाल की 294 सीटों वाली विधान सभा के लिए आठ चरण में मतदान होगा. राज्य में मतदान की शुरुआत 27 मार्च को होगी. इसके बाद 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल और 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान होगा। इसके बाद नतीजे 2 मई को जारी होंगे. पश्चिम बंगाल में पहले चरण 38, दूसरे में 30, तीसरे में 31, चौथे 44, पांचवें में 45, छठे 43, 7वें 36 और 8वें दौर 35 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा. ऐसे में केंद्रीय पुलिस बलों की निगरानी में मतदान कराना चुनाव आयोग के लिए आसान होगा.
ममता पर लगाता रहा है पुलिसिया शासन का आरोप
भारतीय जनता पार्टी लगातार ममता बनर्जी पर पुलिस के बल पर शासन करने का आरोप लगाती रही है. ऐसे में पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव आयोग राज्य में चुनावों से पहले हो रही हिंसक झड़पों के बीच राज्य में केंद्रीय पुलिस बलों की तैनाती करेगा. बांग्लादेश की सीमा से लगे होने के कारण पहले से ही बीएसएफ की राज्य में तैनाती है. केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के बाद राज्य में चुनाव के दौरान सुरक्षा और भी चाक चौबंद हो जाएगी.
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केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की होगी तैनाती
चुनावी तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बंगाल में चुनावो के दौरान चाकचौबंद सुरक्षा के लिए केंद्रीय पुलिस बलों की तैनाती की भी बात कही. उन्होंने कहा है कि बंगाल के अलावा अन्य राज्यों में भी सीआरपीएफ की तैनाती होगी. राज्य के सभी संवेदनशील पोलिंग बूथों की पहचान कर ली गई है.
केंद्रीय बलों के जिम्मे होगी स्ट्रांग रूम की सुरक्षा
संवेदनशील स्थानों पर पहले ही सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है. चुनाव की तारीख की पूर्व संध्या से सीआरपीएफ और राज्य के शस्त्र बल पोलिंग स्टेशन की सुरक्षा संभालेंगे. पोलिंग अधिकारियों,पोलिंग बूथ और मतदाताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर होगी. इसके अलावा इन पुलिस बलों का उपयोग स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए किया जाएगा जहां मतदान के बाद ईवीएम और वीवीपैट मशीनें रखी जाएंगी. सुरक्षा बलों की तैनाती की पूरी जिम्मेदारी आयोग द्वारा नियुक्त किए गए केंद्रीय पर्यवेक्षक के जिम्मे होगी. राज्य के पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के उपयुक्त और प्रभावशाली उपयोग के लिए पुलिस बलों की तैनाती रोटेशन के आधार पर की जाएगी.
इलेक्शन वर्कर्स को लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीन
राज्य में चुनाव कोरोना प्रोटोकॉल्स के तहत चुनाव होंगे. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में इस बार 1 लाख से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. चुनाव में जुटे सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. चुनावकर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर बताते हुए उन्होंने कहा कि लोगों की कोरोना से सुरक्षा और सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर चुनाव के समय में एक घंटे का इजाफा भी किया गया है.
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