इंजीनियर राशिद आउट ऑफ जेल... तिहाड़ से निकला `जायंट किलर` कैसे बदलेगा कश्मीर की सियासत?
Engineer Rashid Impact on Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है. अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख इंजीनियर राशिद ने जेल से बाहर आकर कई दलों की चिंता को बढ़ा दिया है. वे राज्य की सियासत में नई चुनौती बनते जा रहे हैं.
नई दिल्ली: Engineer Rashid Impact on Jammu Kashmir Election: एक पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव लड़ा, जिनके पिता भी मुख्यमंत्री रहे हैं. राजनीतिक रुतबा इतना कि प्रदेश की सियासत की कहानी इन पिता-पुत्र के बिना शायद ही लिखी जाए. लेकिन सब हैरान तब रह गए, जब एक जेल में बंद नेता ने पूर्व CM को चुनाव हरा दिया. चुनाव हारने वाले नेता का नाम उमर अब्दुल्ला है और हराने वाले का नाम इंजीनियर राशिद है. ये किस्सा लोकसभा चुनाव 2024 का है, जब राशिद ने उमर को जम्मू-कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट पर 2 लाख से अधिक वोटों से पटखनी दी थी. तब राशिद तिहाड़ जेल में बंद थे, अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई है. वे 2 अक्टूबर, 2024 तक जेल से बाहर रहेंगे.
कौन हैं इंजीनियर राशिद? (Who is Engineer Rashid)
इंजीनियर राशिद का पूरा नाम अब्दुल राशिद शेख है, वे बारामूला से सांसद हैं. उनकी खुद की पार्टी है, जिसका नाम अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) है. राशिद का जन्म हंदवाड़ा कस्बे के लाछ, मावर में हुआ. उन्होंने श्रीनगर पॉलिटेक्निक से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. फिर 25 साल तक सरकारी विभाग में इंजीनियर के पद पर नौकरी की. साल 2003 में राशिद ने उर्दू साप्ताहिक अखबार 'चट्टान' राजनीतिक विषयों पर लेख लिखने शुरू किए. उन्होंने इंडियन आर्मी की ओर से कथित तौर पर ह्यूमन राइट्स का उल्लंघन किए जाने के खिलाफ आवाज उठाई. साल 2008 में पहली बार राशिद ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लंगेट विधानसभा सीट से चुनाव जीता. 2013 में खुद की पार्टी बनाई. 2014 में फिर से विधायक बने. इसी साल बारामूला से लोकसभा चुनाव हारे. 2019 में फिर यहां से चुनाव हारे, लेकिन 2024 में 'जायंट किलर' कहलाते हुए सांसद बने.
इंजीनियर राशिद जेल में क्यों बंद थे?
दरअसल, इंजीनियर राशिद पर 'टेरर फंडिंग' का आरोप है. उन्हें साल 2019 में UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था. वे तिहाड़ जेल में बंद थे. हालांकि, इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी ने उन पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया. पार्टी का दावा है कि राशिद के खिलाफ राजनीतिक साजिश हुई है.
राशिद का कश्मीर की सियासत में कितना दखल?
इंजीनियर राशिद ने पूर्व CM उमर अब्दुल्ला को बारामूला से चुनाव हराया, इससे उनकी राजनीतिक हैसियत का अंदाजा लग सकता है. राशिद का दखल नॉर्थ कश्मीर में सबसे अधिक है. बारामूला लोकसभा सीट के अंतर्गत 15 विधानसभा सीटें हैं, जहां पर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी की पकड़ मजबूत है. बारामूला और कुपावड़ा जिले में उनके पास कार्यकर्ताओं की अच्छी खासी टीम है. राशिद के आने से पहले ये इलाका नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) पार्टी का गढ़ हुआ करता था. इसीलिए राशिद के बाहर आने से NC को सबसे अधिक नुकसान हो सकता है.
22 सीटों पर चुनाव लड़ रही राशिद की पार्टी
जम्मू-कश्मीर में 90 सीटों पर वोटिंग होनी है. अवामी इत्तेहाद पार्टी कश्मीर की 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इंजीनियर राशिद के बेटे अबरार ने कहा कि AIP घाटी और जम्मू, दोनों जगह चुनाव लड़ेगी. बता दें कि बेटे अबरार ने ही राशिद की पार्टी की कमान संभाल रखी है.
AIP के चुनाव लड़ने से किसे नुकसान?
राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी के चुनाव लड़ने से सबसे अधिक नुकसान क्षेत्रीय दलों को होगा. इनके और राशिद के मुद्दे करीब-करीब एक जैसे हैं, इनके कोर वोटर भी एक ही हैं. जिस तरह PDP और NC ने धारा-370 के निरस्त होने का विरोध किया, ठीक उसी तरह राशिद ने भी इसकी मुखालफत की. एंटी-भाजपा वोट कई हिस्सों में बंट सकता है, जिसका सीधा फायदा BJP को होगा. यही कारण है कि राशिद के विरोधी उन्हें भाजपा की 'B टीम' कह रहे हैं.
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