पटना. लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में महागठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अब तक बात नहीं बन पाई है. इस बीच पूर्व कांग्रेस बिहार अध्यक्ष अनिल शर्मा के इस्तीफे ने राजनीतिक सरगर्मियां और बढ़ा दी हैं. कांग्रेस विधायक अनिल शर्मा ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन 'विनाशकारी' है. उन्होंने कहा विवादास्पद पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को हाल में ‘बहुत धूमधाम से’ पार्टी में शामिल किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की.


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अनिल शर्मा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व दिल्ली में रैली करने में व्यस्त हैं और वह लोकतंत्र को बचाने की जरूरत की बात कर रहे हैं. दुखद है लेकिन पार्टी के भीतर ही कोई लोकतंत्र नहीं बचा है. हमारे निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से या उनके करीबी के सी वेणुगोपाल से विचार विमर्श किए बना कोई कदम नहीं उठा सकते. जब मैं पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष था तब भी राजद के साथ गठबंधन करने के विरोध में था,जो हमारी कीमत पर फली-फूली. लोगों की नजरों में हम लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के जंगल राज को समर्थन देने के दोषी हैं.


पप्प यादव पर क्या बोले अनिल
पप्पू यादव को लेकर शर्मा ने कहा-रही सही कसर पप्पू यादव को पार्टी में शामिल करने से पूरी हो गई है. उसका वस्तुत: राष्ट्रीय मुख्यालय में स्वागत किया गया.  इसके बजाय पार्टी को कई बेहतर उम्मीदवारों के बारे में सोचना चाहिए था.' वहीं राज्य कांग्रेस मीडिया प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेश राठौड़ ने अनिल शर्मा पर ‘कायरतापूर्ण पलायन’ करने और ‘नरेन्द्र मोदी के चरणों में गिरने का बहाना’ खोजने का आरोप लगाया है.


चौथे पूर्व अध्यक्ष जिन्होंने छोड़ी पार्टी
बता दें कि अनिल शर्मा चौथे ऐसे पूर्व अध्यक्ष हैं जिन्होंने बीते एक दशक के दौरान पार्टी का दामन छोड़ा है. उनसे पहले अशोक चौधरी (2018) ने भी कांग्रेस छोड़ी थी. चौधरी ने इसके बाद जनता दल यूनाइटेड का हाथ थाम था. इसके अलावा 2015 में, राम जतन सिन्हा ने कांग्रेस छोड़ दी थी. वहीं महबूब अली कैसर दिवंगत राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा)में शामिल हो गए थे.


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