नई दिल्ली: गुजरात के हिम्मतनगर में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे मगन भाई सोलंकी की उम्मीदवारी से ज्यादा उनकी ढाई फुट लंबी मूछों की चर्चा हो रही है. मिलिए साबरकांठा जिले की हिम्मतनगर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे मगन भाई सोलंकी (57) से, जिन्हें लोग उनके नाम से ज्यादा उनकी ढाई फुट लंबी मूंछों की वजह से पहचानते हैं. फिलहाल वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हैं.


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मगन भाई को चुनाव लड़ना बहुत पसंद है
इस सीट पर गुजरात विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण में पांच दिसंबर को मतदान होगा. सेना से 2012 में मानद लेफ्टिनेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए सोलंकी का कहना है कि उन्हें चुनाव लड़ना बहुत पसंद है और 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद से चुनाव लड़ रहे हैं.


उन्होंने समाचार एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'मैं तब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का उम्मीदवार था. मैं चुनाव हार गया लेकिन हार नहीं मानी. 2019 के लोकसभा चुनाव में मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इस बार भी मैं निर्दलीय चुनाव लड़ रहा हूं.' सोलंकी का दावा है कि उन्होंने पश्चिम, पूर्व से लेकर उत्तर तक विभिन्न सीमाओं पर काम किया है और कहते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान वे जहां भी जाते हैं, उनकी मूंछें लोगों का ध्यान आकर्षित करती हैं.


मूंछों से जुड़े अनुभव किया साझा
उन्होंने कहा, 'जब मैं सेना में था, मेरी मूंछें ध्यान आकर्षित करती थीं क्योंकि वरिष्ठ अधिकारी हमेशा इसकी प्रशंसा करते थे. जब मैं चुनाव लड़ रहा होता हूं तो लोग मेरी मूंछें देखकर हंसते हैं. बच्चे आकर इसे छूने की कोशिश करते हैं, जबकि युवा ऐसी मूंछें बढ़ाने के तरीके के बारे में सुझाव मांगते हैं.'


उन्होंने कहा कि यदि वह निर्वाचित होते हैं, तो वह गुजरात सरकार से युवाओं को मूंछें बढ़ाने को प्रोत्साहित करने के लिए एक कानून लाने की अपील करेंगे और पूर्व-सैनिकों से संबंधित मुद्दों को भी उठाएंगे. उन्होंने कहा, 'जो भी मूंछें रखता है, सरकार को उसे इनके रखरखाव के लिए कुछ राशि का भुगतान करना चाहिए.'


पिता से मिली मूंछें बढ़ाने की प्रेरणा
सोलंकी मूंछें बढ़ाने के लिए अपने पिता से प्रेरित हुए और 19 साल की उम्र में सेना में शामिल होने तक उनकी मूंछे काफी लंबी हो चुकी थीं. उन्होंने कहा, 'सेना में, मुझे अपनी मूंछों के रखरखाव के लिए विशेष भत्ता मिलता था. मैं अपनी रेजिमेंट में मूंछवाला के रूप में जाना जाता था. मेरी मूंछें मेरी शान हैं. यह मुझे भीड़ से अलग करती हैं.'


सोलंकी कहते हैं कि वह जब तक चुनाव जीत नहीं जाते, तब तक चुनाव लड़ना नहीं छोड़ेंगे. हिम्मतनगर से भाजपा ने वीरेंद्रसिंह जाला को, कांग्रेस ने कमलेशभाई पटेल को और आम आदमी पार्टी (आप) ने निर्मलसिंह परमार को टिकट दिया है.


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