नई दिल्ली. हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लिए मुश्किलें पैदा होती दिख रही हैं. 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 48 विधायकों का समर्थन था. अब इनमें तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापसी की घोषणा की है. इसे लेकर राज्य के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है- मेरी पास भी ये जानकारी आई है. हर विधायक की इच्छा होती है और कांग्रेस इच्छा पूरी करने में लगी हुई है. कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से मतलब नहीं है. उन्हें अपनी इच्छाओं से मतलब है. 



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समर्थन वापस लेने वाले तीन विधायकों का नाम है-सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलेन और धर्मपाल गोंदर. तीनों विधायकों ने समर्थन वापसी की घोषणा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और राज्य कांग्रेस चीफ उदयभान की मौजूदगी में की. यह घोषणा रोहतक में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान की गई. धर्मपाल गोंदर का कहना है कि हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित अन्य मसलों पर सरकार से अपना समर्थन वापस लिया है. वहीं भूपिंदर सिंह हुडा ने कहा-मौजूदा सरकार में लोगों का भरोसा नहीं बचा है. लोगों की भावना देखकर ही इन विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया है. 



कांग्रेसी सांसद दीपेंद्र सिंह हुडा ने कहा-प्रदेश के अंदर हालात बीजेपी के खिलाफ बन चुके हैं. प्रदेश में बदलाव निश्चित है. मैं तो ये भी कहूंगा कि ये सरकार अल्पमत में आ चुकी है. इन्होंने जिन 48 विधायकों की लिस्ट दी थी उनमें से कुछ लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और कुछ विधायकों ने समर्थन वापस लेकर कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया है. ऐसे में अल्पमत की सरकार को बने रहने का अधिकार नहीं है.



कांग्रेस इन दावों के बीच अब देखना होगा कि राज्य की नायब सिंह सैनी सरकार की क्या प्रतिक्रिया होगी? माना जा रहा है कि अब कांग्रेस की तरफ से इस मुद्दे पर राज्य सरकार पर दबाव बनाया जा सकता है.


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