Haryana Chunav 2024: हरियाणा में डालना है `सियासी डेरा`, तो पहले लेना होगा इन 6 डेरों का आशीर्वाद!
Haryana Vidhan Sabha Chunav 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में डेरों के दखल से इनकार नहीं किया जा सकता. हर बार की तरह इस बार भी राजनीतिक दल इनका आशीर्वाद पाने की चाहत रखते हैं. आइए, जानते हैं कि हरियाणा में किन डेरों का सियासी रसूख है.
नई दिल्ली: Haryana Vidhan Sabha Chunav 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, नेताओं का डेरों में जमावड़ा लगने लगा है. यह पहली बार नहीं है, जब हरियाणा की सियासत में डेरे प्रभुत्वशाली नजर आ रहे हैं. इससे पहले भी सियासी दलों ने डेरों के जरिये सूबे में सियासी डेरा जमाया है. इन डेरों के लाखों अनुयायी होते हैं, जिनके वोट पाने के लिए पार्टियां डेरा प्रमुखों का आशीर्वाद लेती हैं.
हरियाणा में मुख्य तौर पर तीन डेरा बेल्ट हैं, जहां के 6 डेरा सियासी दलों की राह को तय करते हैं. ये तीन बेल्ट देशावली, जीटी और सिरसा हैं. इनके अंतर्गत आने वाले 6 प्रभावशाली डेरे कौनसे हैं, आइए जानते हैं...
डेरा सच्चा सौदा (सिरसा बेल्ट)
डेरा सच्चा सौदा का सियासी प्रभाव कितना है, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि निकाय चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव के करीब आने पर इसके प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बेल मिल जाती है. दुष्कर्म का दोषी राम रहीम उम्रकैद की सजा काट रहा है, लेकिन उसका चुनावी दखल अभी भी बना हुआ है. डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों पूरे प्रदेश में फैले हैं.
देशावली बेल्ट के 3 डेरे
बाबा मस्तनाथ मठ: यह नाथ संप्रदाय से जुड़ा है, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से सांसद बाबा बालकनाथ इसके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं.
लक्ष्मणपुरी डेरा (गोकर्ण): ये डेरा रोहतक में हैं. वर्तमान में इसके प्रमुख जूना अखाड़ा के उपाचार्य बाबा कपिल पुरी महाराज हैं. हरियाणा की 90 में से 20 सीटों पर इस डेरे का प्रभाव माना जाता है. इसका राजनीतिक रसूख आप इससे समझ सकते हैं कि हरियाणा के CM नायब सैनी और विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा भी यहां हाजिरी लगा चुके हैं.
बाबा बालक पुरी डेरा: इस डेरे के प्रमुख महामंडलेश्वर कर्णपुरी महाराज हैं. इनके अनुयायियों की बड़ी संख्या है. ये सीधे तौर पर हरियाणा के चुनाव में असर डाल सकते हैं.
जीटी बेल्ट के 2 डेरे
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास: इस डेरे से बड़ी संख्या में दलित समाज के अनुयायी जुड़े हैं. करनाल, अंबाला, जगाधरी, सोनीपत और कुरुक्षेत्र समेत कई जिलों में इसका प्रभाव है.
निरंकारी डेरा: यह डेरा भी चुनाव में अहम भूमिका निभाता है. अंबाला, करनाल और अन्य जिलों में इस डेरे का प्रभाव है.
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