नई दिल्ली: Khap Panchayat in Haryana Vidhan Sabha Chunav: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए सभी सियासी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. सूबे की राजनीति में डेरों का कितना प्रभाव है, ये बताने की जरूरत नहीं है. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब प्रदेश में खाप पंचायत भी सियासत पर असर डालती थी. बीते कुछ समय से खाप का रौब कम हुआ है, लेकिन इस बार के चुनाव में वे खुद का रिवाइवल चाह रही हैं. खाप पंचायतों ने तीन नेताओं को भी निशाने पर लिया है, जिन्हें हराने की ठानी है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या हैं खाप पंचायत
खाप पारंपरिक पंचायतें होती हैं. इन्हें किसी एक गोत्र, बिरादरी या कुछ गांवों के लोग मिलकर बनाते हैं. यहां पर गांवों की समस्याओं को सुलझाया जाता है. जमीन विवाद से लेकर घरेलू विवाद तक खाप में निपटाए जाते हैं. कुछ मौकों पर खाप के क्रूर फैसले भी सामने आए हैं. आधिकारिक तौर पर इनके पास कोई पॉवर नहीं होता क्योंकि ये कानून या सरकार की दृष्टि में इन्हें स्वीकृति नहीं मिली है.

खाप पंचायतों के टारगेट पर ये तीन नेता

दुष्यंत चौटाला: JJP के नेता और पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला के खिलाफ खाप पंचायतों ने रणनीति बना ली है. 66 गांव की पंचायतों ने आजाद पलवा को दुष्यंत के खिलाफ मैदान में उतारा था. लेकिन ऐन वक्त में पर पलवल ने नामांकन वापिस ले लिया. अब खाप उनके खिलाफ किसी अन्य उम्मीदवार को समर्थन दे सकती है.

विकास सहारण: कलायत सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के विकास सहारण हिसार सांसद जयप्रकाश के बेटे हैं. अपने बेटे के प्रचार के दौरान जेपी ने महिलाओं को लेकर विवादित बयान दिया. इसके बाद ही आसपास की खाप पंचायतें उनके खिलाफ हो गईं. ढुल पंचायत ने हाल ही में 5 गांवों की बैठक बुलाई. इसमें जेपी के बेटे विकास को वोट नहीं देने का फैसला किया गया.  

रघुवीर कादयान: कांग्रेस ने बेरी से रघुवीर कादयान को टिकट दिया है. वे 2019 में भी यहां चुनाव जीते थे. लेकिन कादियान के खिलाफ अहलावत खाप समाज ने अपना उम्मीदवार उतार दिया. सोनू अहलावत के चुनावी मैदान में उतरने के बाद कादयान की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

खाप पंचायत कैसे बनाती है रणनीति?
हरियाणा में छोड़ी-बड़ी 150 खाप पंचायत हैं, जो चुनाव पर असर डाल सकती हैं. ये किसी भी उम्मीदवार की खिलाफत या समर्थन का फैसला साथ बैठकर करते हैं. खाप के मुखिया अंतिम निर्णय करते हैं, फिर खाप से जुड़े लोग उस फैसले की पालना करते हैं. इन्हीं बैठकों में चुनावी रणनीति भी बनाई जाती है.


ये भी पढ़ें- Haryana Chunav 2024: भूपेंद्र हुड्डा का 'गहलोत मॉडल', जो कुमारी सैलजा को बना सकता है बागी!


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.