हिमाचल प्रदेश चुनाव: दिग्गज नेता ने बताई कांग्रेस के प्रचार अभियान की सबसे बड़ी कमी, बोले- फिर भी जीतेंगे
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों ने जहां भी उन्हें आमंत्रित किया, उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के हिसाब से प्रचार किया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए कोई संकोच नहीं हो रहा कि हमने (कांग्रेस ने) कुछ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों का चयन करने में गलती की है.’वहीं हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार योजना में वरिष्ठ नेताओं को शामिल करके इसे और बेहतर किया जा सकता था.‘
शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार योजना में वरिष्ठ नेताओं को शामिल करके इसे और बेहतर किया जा सकता था. यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बृहस्पतिवार को कही. शर्मा ने अफसोस जताते हुए कहा कि पार्टी ने उनकी सेवाएं पूरी तरह नहीं लीं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों ने जहां भी उन्हें आमंत्रित किया, उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के हिसाब से प्रचार किया, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उनके प्रचार की कोई योजना नहीं थी.
शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए कोई संकोच नहीं हो रहा कि हमने (कांग्रेस ने) कुछ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों का चयन करने में गलती की है.’’ कांग्रेस द्वारा राज्य में चुनाव से पहले किसी नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाने के सवाल पर शर्मा ने कहा कि विधायकों के चुनाव के बाद आम-सहमति बनाई जा सकती है.
फिर भी कांग्रेस की जीत की उम्मीद
आनंद शर्मा ने कहा कि हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने राज्य में जोरदार तरीके से प्रचार किया और उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस चुनाव जीतेगी तथा स्थिर बहुमत हासिल करेगी.
राहुल के सभा न करने पर भी बोले
हिमाचल में राहुल गांधी के कोई जनसभा नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि राहुल का ध्यान यात्रा पर है और जाहिर है कि प्रियंका गांधी के मुख्य प्रचारकर्ता होने का फैसला सोच-समझकर लिया गया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, यह उनका फैसला था और वह भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं.’’
नयी पेंशन योजना पर बोले
शर्मा ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ही नयी पेंशन योजना के प्रभावों का आकलन नहीं करने के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहने के दौरान लाई गयी इस योजना को ‘गलत फैसला’ बताया.
क्या बोले
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हमने 2012 में राज्य में फिर सरकार बनाने पर इसे सही नहीं किया जिस समय पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे.’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि यह राष्ट्रीय मुद्दा है और केंद्र तथा राज्यों को साथ बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए.
बताया क्यों कांग्रेस की स्थिति बेहतर
शर्मा (69) ने कहा, ‘‘हमारी स्थिति 2017 से बेहतर है क्योंकि हम विशेष महत्व वाले मुद्दों को लेकर जनता तक गये हैं, जिनमें बेरोजगारी, महंगाई, पुरानी पेंशन योजना या अग्निपथ भर्ती योजना शामिल हैं.’’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा गठित पार्टी की संचालन समिति के सदस्य शर्मा ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य में भाजपा के तेज प्रचार अभियान के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करेगी.
नाखुशी भी जाहिर की
अगस्त में राज्य में पार्टी की संचालन समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा देकर शर्मा ने क्या किसी तरह की नाखुशी जताई थी. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हां, मैं (नाखुश) था क्योंकि मैं संचालन समिति का अध्यक्ष था, लेकिन सलाह-मशविरे में मुझे शामिल नहीं किया गया. उन्होंने आगे कहा, मुझे किसी बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया और पार्टी के प्रचार की रणनीतिक योजना बनाने में भी मुझे नहीं जोड़ा गया. मुझसे सलाह नहीं ली गयी, तब भी मैंने प्रचार किया.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही बगावत से आहत हुए हैं और भाजपा को इस मामले में कांग्रेस से ज्यादा चोट पहुंची है.
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