नई दिल्ली: Kangana Ranaut Haryana Politics: भाजपा की लोकसभा सांसद कंगना रनौत ने एक बार फिर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पहले उन्होंने किसान आंदोलन में बलात्कार होने की बात कही, जिससे पार्टी ने किनारा कर लिया था. अब कंगना ने कहा है कि तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने का यह सही समय है. पार्टी ने इस बयान से भी किनारा कर लिया है. हरियाणा चुनाव में कुमारी सैलजा के बाद कंगना रनौत चुनावी मुद्दा बन गई हैं. विपक्ष को चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में नई संजीवनी मिल गई है, जिसके जरिये वोटर्स में किसान आंदोलन के घाव फिर से ताजा किए जा रहे हैं. कंगना ने भले ये बयान वापस ले लिया हो, लेकिन सियासत में चीजें भुनाई जाती हैं. ये बयान भी चुनाव तक मुद्दा बना रहेगा.


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BJP का '35 बनाम 1' फॉर्मूला क्या?
भाजपा ने हरियाणा में '35 बनाम 1' फॉर्मूला बनाया है. पार्टी जाट वोट बैंक को छोड़कर सभी जातियों में सेंध लगाना चाहती है. खासकर OBC की जातियों पर फोकस है. यही कारण है कि OBC से आने वाले नायब सिंह सैनी को सूबे की बागडोर दी गई. भाजपा का आकलन है कि जाट वोट INLD, JJP और कांग्रेस के बीच बंट जाएगा. यही कारण है कि पार्टी  बाकी जातियों को खुश करने में लगी है.


कंगना कैसे बिगाड़ सकती हैं BJP का कास्ट इक्वेशन?
2011 की जनगणना के अनुसार हरियाणा में 17.55% अर्ध-मध्यम , 12.04% मध्यम और 2.83% बड़े किसान हैं. अर्ध-मध्यम किसान ज्यादातर दलित और OBC जातियों से आते हैं. ये भी किसान आंदोलन का हिस्सा थे. ऐसे में कंगना का तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने वाला बयान इन्हें भाजपा से खफा कर सकता है. संयुक्त किसान मोर्चा की रिपोर्ट के मुताबिक किसान आंदोलन में हरियाणा के 114 से अधिक किसानों की मौत हुई थी. हरियाणा में किसानी करने वाले तमाम किसान इससे इमोशनली कनेक्ट करते हैं. 


विपक्ष को मिल गया मुद्दा
भाजपा समेत बाकी दल बीते कुछ दिनों से कुमारी सैलजा के अपमान का मुद्दा उठा रहे थे और कांग्रेस को घेर रहे थे. अब कंगना के बयान ने प्रदेश की सियासत को मोड़ दिया है. कांग्रेस समेत बाकी दल भाजपा को टारगेट कर रहे हैं. रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा को चैलेंज दे दिया है. उन्होंने कहा- काले कृषि कानून वापस लाने के मंसूबे रखने वाले BJP सांसद को चुनौती देता हूं. हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने के बाद देश में कोई ताकत नहीं जो ये कानून वापस लागू करे. आप भी लोकसभा में हैं, हम भी हैं. हरियाणा में चुनाव पूरे होने के पश्चात शीतकालीन सत्र होगा, तो आप तीन कानून सदन में लेकर आना और हम जनता की भावनाएं लेकर आएंगे.


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