Karnataka Elections 2023: `डर गए हैं सिद्धारमैया`, कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने कही ये 3 बड़ी बात
Karnataka Elections 2023: मौन सहमति के आरोप पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि सिद्धारमैया डर गए हैं. सीएम ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किसके साथ शामिल होता है, सिद्धारमैया की जीत या हार उनकी ताकत पर निर्भर करेगी.
नई दिल्ली: Karnataka Elections 2023: मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस नेता सिद्धारमैया अपने निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के दौरान डरे हुए थे. सीएम ने यह बयान वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) के बीच आंतरिक समायोजन के बारे में सिद्धारमैया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया.
वरुणा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं सिद्धारमैया!
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया वरुणा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. सीएम ने बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, आम धारणा है कि सभी पार्टियों के उम्मीदवार तय हैं और सिद्धारमैया को डर था कि ये दोनों पार्टियां एक साथ आ गई हैं.
सीएम ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन किसके साथ शामिल होता है, सिद्धारमैया की जीत या हार उनकी ताकत पर निर्भर करेगी. शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र में, कांग्रेस और जद (एस) एक साथ आए हैं, लेकिन वह इससे डरते नहीं हैं. बोम्मई शिगगांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं.
बोम्मई के खिलाफ कांग्रेस ने किसे मैदान में उतारा?
नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा से एक दिन पहले, कांग्रेस ने शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपना उम्मीदवार बदल दिया और मुख्यमंत्री बोम्मई के खिलाफ यासिर अहमद खान पठान को मैदान में उतारा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने रातों-रात शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र के लिए उम्मीदवार बदल दिया और इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. सभी ने कांग्रेस पार्टी के लिए प्रयास किया और जद (एस) ने कांग्रेस के दो नेताओं को टिकट दिया है.
क्या इसे कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन कहा जा सकता है. सिद्धारमैया की ओर से इस तरह के आरोप लगाना अच्छा नहीं था. कोई किसी से भी हाथ मिला ले, वह अपने बल पर जीतेगा या हारेगा. बोम्मई ने कहा कि सिद्धारमैया इस निर्वाचन क्षेत्र से छह से सात बार जीते हैं. पहले उन्हें निर्वाचन क्षेत्र को लेकर अनिश्चितता थी, और अब निर्वाचन क्षेत्र के भीतर अनिश्चितता है.
बेटे के नामांकन के लिए अपनी ‘लकी’ कार से गए येदियुरप्पा
शिवमोगा जिले के शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से 10 मई के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के वास्ते जब बृहस्पतिवार को बी वाई विजयेंद्र अपना नामांकन पत्र भरने गये तब उनके पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा उनके साथ अपनी ‘लकी’ एंबैसडकर कार में सवार होकर गए. येदियुरप्पा के करीबी सूत्रों के अनुसार चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर चुके प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेता को अपनी इस कार से ‘गहरा लगाव’ है. यह वही सफेद विंटेज कार है जिससे दशकों पहले येदियुरप्पा अपने पहले चुनाव के वास्ते नामांकन पत्र भरने गये थे और बाद में वह विजयी हुए थे.
एक सूत्र ने कहा, 'उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपने राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव के बाद भी वह चार बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने.' बुधवार को नामांकन पत्र भरने जाने से पहले प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विजयेंद्र ने अपने पिता के चरण स्पर्श किए एवं उनका आशीर्वाद लिया. येदियुरप्पा अपनी एंबैसडर कार से अपने बेटे के साथ गये.
येदियुरप्पा 1983 में इस सीट से निर्वाचित हुए थे और तब से उन्होंने 1999 तक लगातार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. 1999 में अपनी हार के बाद वह 2004 तक कर्नाटक विधानपरिषद के सदस्य रहे. फिर वह 2004 से 2014 तक विधायक रहे (2013 में वह केजेपी के टिकट पर निर्वाचित हुए थे जिसे उन्होंने भाजपा से अलग होकर बनाया था.) वह बाद में भाजपा में लौट आये तथा 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे. फिर वह 2018 में कर्नाटक की राजनीति में लौट आए.
(इनपुट- आईएएनएस)
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