`हारने के लिए नहीं लड़ रहा हूं चुनाव`, स्मृति ईरानी के सामने अमेठी में कांग्रेसी प्रत्याशी हैं कॉन्फिडेंट
केएल शर्मा अमेठी लोकसभा सीट पर प्रत्याशी हैं. उन्हें गांधी परिवार को बेहद करीबी माना जाता है. मूल रूप से पंजाब से ताल्लुक रखने वाले शर्मा करीब चालीस वर्षों से अमेठी रायबरेली में हैं.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की हाईप्रोफाइल अमेठी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के सामने बेहद आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि वह इस सीट पर चुनाव हारने के लिए नहीं लड़ रहे हैं. गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले केएल शर्मा का नाम अमेठी से नामांकन के आखिरी दिन घोषित किया गया था.
'मुझे गठबंधन में पूरा भरोसा'
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में केएल शर्मा ने कहा है- मैं चुनाव हारने के लिए नहीं लड़ रहा हूं. मुझे गठबंधन में पूरा भरोसा है. अमेठी का विकास गांधी परिवार ने किया है. अमेठी के लोग विकास के लिए इंडिया गठबंधन का सपोर्ट करेंगे. मैं कांग्रेस का सिपाही और पार्टी के हर निर्णय को मानता हूं. रायबरेली और अमेठी को गांधी परिवार के क्षेत्र के रूप ने जाना जाता है. इसलिए राहुल गांधी रायबरेली से लड़ रहे हैं और मैं अमेठी से.
अमेठी सीट में ये विधानसभा सीटें
बता दें कि अमेठी लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में यानी 20 मई को मतदान होगा. नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे. अमेठी सीट में पांच विधानसभा सीटें हैं. इनमें जगदीशपुर, गौरीगंज, तिलोई, सलोन, गौरीगंज और अमेठी सीटें हैं. साल 2019 में स्मृति ईरानी ने 468514 वोट हासिल किए थे और उनका वोट प्रतिशत 49.7 था. वहीं राहुल गांधी ने 43.9 प्रतिशत वोट हासिल किए थे. उन्हें 413394 वोट हासिल हुए थे.
गांधी परिवार से है स्पेशल कनेक्शन
अमेठी सीट के मतदाता लंबे समय तक चुनाव जिताकर गांधी परिवार के सदस्यों को संसद भेजते रहे हैं. 1981 में राजीव गांधी इस सीट से चुनाव जीते थे. सोनिया गांधी इस सीट पर 1999 में सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं. 2004 के बाद राहुल गांधी लगातार 2014 तक यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे.
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