Bihar Lok Sabha Chunav 2024: JDU की राह में रोड़ा बन सकती हैं ये 5 सीटें, `मोदी मैजिक` के बावजूद नीतीश के सामने चुनौती
Bihar Lok Sabha Chunav 2024: बिहार में दूसरे चरण के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी JDU को कड़ी टक्कर मिल सकती है. दूसरे चरण की 5 सीटों पर इंडिया गठबंधन को जीत की उम्मीद है.
नई दिल्ली: Bihar Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले JDU ने INDIA का दामन छोड़ दिया था. नीतीश कुमार की पार्टी ने फिर से भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी. लोकसभा चुनाव दोनों मिलकर लड़ रहे हैं. PM मोदी के 'विराट चेहर' के बावजूद JDU की परेशानियां बढ़ी हुई हैं. सीमांचल और पूर्वांचल के इलाके में पार्टी को कई चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है.
किन 5 सीटों पर JDU की राह मुश्किल?
दरअसल, इस बार इंडिया गठबंधन ने कई सीटों पर अपनी रणनीति बदली है. इसमें कटिहार, किशनगंज, भागलपुर, बांका और पूर्णियां सीट शामिल हैं. इन सीटों पर दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है.
भागलपुर लोकसभा सीट
भागलपुर की सीट इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के खाते में गई हैं. कांग्रेस ने यहां से अजीत शर्मा को टिकट दिया है. उनका मुकाबला JDU के अजय मंडल से है. कांग्रेस यहां स्वर्ण वोटों के साथ-साथ MY समीकरण पर काम कर रही है. यहां से माकपा के सुबोध राय सांसद रह चुके हैं. वाम दल इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, इसलिए यहां पर कम्युनिस्ट भी कांग्रेस के पक्ष में हैं. इस सीट पर बीते चुनाव में JDU प्रत्याशी को 59.30% वोट मिले, जबकि RJD प्रत्याशी को 32.67% वोट प्राप्त हुए. राहुल गांधी ने इस बार भागलपुर में चुनावी सभा की है. यदि कांग्रेस और वाम दलों का वोट पूरी तरह से प्रत्याशी के समर्थन में आ जाता है, तो भाजपा को कड़ी चुनौती मिल सकती है.
बांका लोकसभा सीट
बांका लोकसभा सीट पर एक बार फिर JDU के गिरधारी यादव और RJD के जय प्रकाश यादव के बीच टक्कर है. जय प्रकाश यादव लगातार 2009 से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वे बस 2014 में जीते, जब उन्होंने भाजपा की पुतुल कुमारी को 10 हजार वोटों से हराया था. पिछली बार यहां हार-जीत का अंतर 20% वोटों का रहा था. जय प्रकाश यादव यहां बीते 2 चुनाव हार चुके हैं. लिहाजा, जनता के मन में उनके लिए एक सहानुभूति फेक्टर भी है. कॉमरेड नेता भी उनके पक्ष में प्रचार कर रहे हैं.
कटिहार लोकसभा सीट
इस सीट से JDU के दुलालचंद गौस्वामी और कांग्रेस के के तारिक अनवर के बीच टक्कर है. बीते चुनाव में तारिक अनवर ये सीट महज 57 हजार वोटों से हार गए थे. पिछली बार मुस्लिम वोटों में बंटवारा हो गया था. लेकिन इस बार यहां AIMIM से समझौता हुआ है, इसलिए कांग्रेस को उम्मीद है कि यहां का सारा मुस्लिम वोट उन्हें ही मिलेगा. यहां पर CPI-ML का वोटबैंक भी मायने रखता है. बलरामपुर विधायक महबूब आलम के रुख पर भी काफी कुछ निर्भर करता है. यदि वे अपना वोट कांग्रेस को शिफ्ट कराने में कामयाब हुए, तो JDU के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी.
किशनगंज लोकसभा सीट
JDU ने इस सीट से एक बार फिर मुस्लिम प्रत्याशी को उतारा है, मुजाहिद आलम पर विश्वास जताया है. बीते चुनाव में कांग्रेस के मो. जावेद ने JDU के महमूद अशरफ को 30 हजार वोटों से चुनाव हराया. तब AIMIM के अख्तरूल ईमान को भी 295029 वोट मिले. कांग्रेस को यहां 33.32% वोट मिले, जबकि JDU को कांग्रेस से तीन परसेंट कम यानी 30.19% वोट मिले. यहां पर फिर से त्रिकोणीय संघर्ष है. कांग्रेस को एक बार फिर से त्रिकोणीय संघर्ष में जीत की उम्मीद है.
पूर्णिया लोकसभा सीट
इस सीट पर JDU को जोरदार टक्कर मिल सकती है. यहां से निर्दलीय पप्पू यादव भी मैदान में हैं. 2019 के चुनाव में यहां JDU के संतोष कुशवाहा और कांग्रेस के उदय सिंह के बीच मुकाबला था. तब संतोष कुशवाहा ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी. JDU ने इस बार बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया है. राजद MY समीकरण को अपने पक्ष में करने में जुटी हुई है. RJD को उम्मीद है कि सीधी टक्कर में न सही, लेकिन इस बार त्रिकोणीय संघर्ष में किस्मत चमक सकती है.
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