नई दिल्ली: Kota Bundi Lok Sabha Seat: राजस्थान की कोटा-बूंदी लोकसभा सीट की चर्चा पूरे देश में हैं. यहां से भाजपा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस ने भाजपा छोड़कर आए प्रहलाद गुंजल को टिकट दिया है. गुंजल पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी भी रहे हैं. इस सीट पर मीणा और गुर्जर वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. 


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17 में से 7 बार भाजपा जीती
इस सीट पर अब तक 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं. अब तक केवल 4 बार ही कांग्रेस जीत पाई है. 7 बार बीजेपी और 3 बार भारतीय जनसंघ ने इस सीट पर जीत दर्ज की है. एक बार जनता पार्टी, एक बार भारतीय लोकदल और एक बार निर्दलीय प्रत्याशी भी जीता है. 


ओम बिरला जीतते रहे
भाजपा ने 2014 में ओम बिरला को यहां से टिकट दी थी. उन्होंने ने इज्यराज सिंह को हराकर एक बार फिर इस सीट को बीजेपी की झोली में डाल दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में ओम बिरला ने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 2.79 लाख वोटों से हराया था. 


विधानसभा चुनाव में कैसा प्रदर्शन रहा?
इस सीट पर 8 विधानसभा सीटें हैं. कोटा जिले की कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, सांगोद, पीपल्दा, रामगंजमंडी विधानसभा और बूंदी जिले की केशोरायपाटन और बूंदी विधानसभा सीट इसी लोकसभा सीट में के अंतर्गत आती हैं. इनमें से 4 बार भाजपा और 4 पर कांग्रेस के विधायक हैं. 


कुल कितने वोट?
कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर कुल 20.62 लाख वोटर हैं. 10.61 लाख पुरुष और 10 लाख महिला वोटर्स हैं. 


सीट के जातीय समीकरण
कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर 2 से 2.5 लाख मीणा वोटर हैं. 2.5 लाख मुस्लिम,2 लाख गुर्जर, सवा लाख ब्राह्मण, 1 से सवा लाख वैश्य, 1 लाख के करीब राजपूत वोट, सवा लाख माली, साढ़े तीन लाख SC, एक लाख अन्य OBC वोटर्स हैं. 


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