नई दिल्लीः Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के तहत देश की 102 सीटों पर पहले चरण की वोटिंग शुक्रवार 19 अप्रैल को पूरी हो चुकी है. आमतौर पर जब भी देश और प्रदेश में चुनाव होते हैं, तो उससे जुड़ी कई सारी यादें और किस्से-कहानियां इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाती हैं. ऐसा ही एक किस्सा बंगाल और तेलंगाना से जुड़ा हुआ है. 


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मुख्यमंत्रियों को हराने के बाद भी सरकार नहीं बना पाई BJP 
दरअसल, इन दोनों राज्यों के मौजूदा मुख्यमंत्रियों को बीजेपी उनकी सीट से विधानसभा चुनाव हराने में कामयाब रही है, लेकिन वहां सरकार बनाने में असफल रही है. किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री को पार्टी का सबसे मजबूत और ताकतवर चेहरा माना जाता है. ऐसे में उसका अपने सीट से चुनाव हारना कई तरह के सवाल खड़े करते हैं. बहरहाल, आइए जानते हैं इन दोनों राज्यों से जुड़े किस्सों के बारे में. 


नंदीग्राम सीट से हार गई थीं ममता बनर्जी
बात पहले पश्चिम बंगाल की करते हैं. 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस भले ही  प्रचंड बहुमत हासिल करने में कामयाब रही हो लेकिन पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रदेश की बहुचर्चित सीट नंदीग्राम से अपना चुनाव हार गई थीं. इस दौरान उन्हें बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने 1956 वोटों से शिकस्त दी थी. हालांकि, प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकस्त करने के बाद भी बीजेपी अपनी सरकार नहीं बना पाई. 


पश्चिम बंगाल में 212 सीटों पर जीती थी TMC
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह थी बहुमत का न मिलना. 294 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में TMC को 212 सीटों पर जीत मिली. लोकसभा चुनाव 2024 में एक्सपर्ट दावा कर रहे हैं कि BJP साल 2019 की अपेक्षा ज्यादा सीटें जीत सकती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल से बीजेपी को 18 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं, 2014 के चुनाव में BJP सिर्फ 2 सीटें ही जीत पाई थी. 


रेवंत रेड्डी को कमारेड्डी सीट से मिली करारी हार 
अब बात तेलंगाना की करते हैं. हाल ही में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनने में कामयाब रही हो, लेकिन पार्टी के मुखिया को कामारेड्डी सीट से जबरदस्त शिकस्त झेलनी पड़ी थी. इसी सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिली थी. एक तरफ तेलंगाना के तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) चुनाव लड़ रहे थे, तो दूसरी ओर तेलंगाना कांग्रेस के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी. 


तीसरे नंबर पर रहे थे रेवंत रेड्डी
वहीं, तीसरी ओर बीजेपी के वेंकटरमन रेड्डी मैदान में थे. कांटे की टक्कर में नतीजे वेंकटरमन रेड्डी के पक्ष में रहे थे और 66652 वोटों के साथ कामारेड्डी सीट से विजयी रहे थे. इस दौरान वेंकटरमन रेड्डी ने केसीआर को 6741 वोटों से हराया था, जबकि मौजूदा मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इस सीट से तीसरे नंबर पर रहे थे. बहुमत न प्राप्त होने की वजह से बीजेपी से यहां से भी सरकार बनाने से चूक गई थी. 


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