Congress TMC attack on election program: भारत के चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को घोषित चुनावी कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि आखिरी बार महाराष्ट्र में पांच चरण का मतदान कब हुआ था. चुनाव आयोग द्वारा तय की गई तारीखों के मुताबिक, चुनाव 19 अप्रैल को शुरू होगा और इसका आखिरी व सातवां चरण 1 जून को होगा और मतगणना 4 जून को होगी. बिहार और पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव होंगे.


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प्रियांक खड़गे ने कहा, 'पूरे चुनाव कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के प्रचार को सुविधाजनक बनाने की कोशिश की जा रही है. पहले चरण में 102 निर्वाचन क्षेत्र, दूसरे चरण में 89, तीसरे चरण में 94, चौथे चरण में 96, पांचवें चरण में 49, छठे और सातवें चरण में 57-57 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव होने वाले हैं. महाराष्ट्र में पांच चरणों में चुनाव होना है. आखिरी बार कब था जब महाराष्ट्र में पांच चरणों में चुनाव हुए थे? भौगोलिक बाधाओं के संबंध में चुनाव आयोग चाहे जो भी बहाने बताए, अगर आप बारीकी से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि इसका मकसद बीजेपी को अपनी बात सामने लाने के लिए जितना संभव हो उतना मौका देना है.'


मोदी तो मोदी हैं...
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सात चरणों के कार्यक्रम का मतलब है कि इन 70-80 दिनों के लिए विकास कार्य रुक जाएंगे. खड़गे ने कहा, 'आप कल्पना कर सकते हैं कि देश कैसे प्रगति करेगा क्योंकि चुनाव आचार संहिता के अनुसार, लोग घूमेंगे नहीं, सामग्री की आपूर्ति नहीं की जाएगी, बजट खर्च नहीं किया जाएगा. इसलिए, मेरे अनुसार, यह अच्छा नहीं है. चुनाव हो सकते हैं तीन या चार (चरणों) के भीतर पूरा कर लिया जाए..लेकिन मोदी तो मोदी हैं.'


कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह चिंता की बात है कि चुनाव आयोग अभी भी 7 चरणों पर अटका हुआ है. अधीर ने कहा, 'पिछली बार भी सात चरण थे. यह साबित करता है कि जमीनी स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है, हालांकि हम डिजिटल इंडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं.'


TMC क्या बोली?
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्य की 42 सीटों के लिए सात चरण के मतदान पर पश्चिम बंगाल सरकार की बातों को ध्यान में नहीं रखा. टीएमसी के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रे ने कहा, 'राज्य सरकार की बातों पर ध्यान नहीं दिया गया. यह संघीय ढांचे की अवहेलना है. हम इतने लंबे चुनाव कराने के कारणों को समझने में विफल हैं. ये काफी हैरान करने वाली बात है.'


पश्चिम बंगाल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, 'ऐसे कई राज्य हैं जहां पश्चिम बंगाल से अधिक निर्वाचन क्षेत्र हैं और वहां चुनाव के चरण कम हैं. लेकिन हमारे पास 42 निर्वाचन क्षेत्र और 7-चरणीय चुनाव हैं. हमने उन्हें बताया कि जब चरणों की संख्या कम होती है तो मतदान प्रतिशत अधिक होता है. लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी.'


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