पटना. इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहते हुए बिहार की सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ने राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए 17 सीटों की मांग की थी. अब राज्य के सीएम और जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार खेमा बदलकर भारतीय जनता पार्टी के साथ आ चुके हैं. अब वो एनडीए का हिस्सा हैं. इसी क्रम में अब सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी के साथ भी जेडीयू की बातचीत शुरू हो चुकी है.  


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बीजेपी सहयोगियों को असहज नहीं होने देना चाहती
इस बीच सीट बंटवारे पर बीजेपी की परेशानी बढ़ती दिख रही है. एक समचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि एनडीए में सीट बंटवारे के गणित के सूत्र तलाशने की पहल भी शुरू हो गई है.बीजेपी और जेडीयू गठबंधन के बड़े घटक दल हैं लेकिन, चार अन्य सहयोगी दलों को भी सम्मानजनक सीट देने की तैयारी की जा रही है, जिससे गठबंधन में मजबूती बनी रहे.


जेडीयू के आने के बाद बदले समीकरण
दरअसल जेडीयू के एनडीए खेमे में शामिल होने से पहले तक एनडीए में सीट बंटवारा आसान दिख रहा था. अब समीकरण बदल चुके हैं. लेकिन इन सबके बीच बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व किसी भी सहयोगी पार्टी को असहज नहीं होने देना चाह रहा है. यही कारण माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में भी एनडीए में शामिल सभी दल के नेता उपस्थित थे.


किसे मिलेंगी कितनी सीटें
समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सीट शेयरिंग के मामले में बीजेपी के हिस्से कुल 17-18 सीटें आ सकती हैं. वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के हिस्से में 14-15 सीटें आ सकती हैं. बीजेपी के फिलहाल 17 और जदयू के 16 सांसद हैं. लोजपा के दो गुट चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस की पार्टी के पास भी छह सांसद हैं. दोनों दलों में सीटों का बंटवारा इसी अनुपात में होने की संभावना है. जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोजपा भी एनडीए में शामिल है, इन्हें भी तीन से चार सीट मिल सकती है.


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