नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी उठापटक का दौर शुरू हो चुका है. कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में प्रचंड जीत हासिल की, तो सभी विपक्षी पार्टियों के एक साथ आने की संभावना बढ़ती जा रही है. बीजेपी को कर्नाटक में झटका लगा, तो विपक्ष के हौसले मजबूत होते दिख रहे हैं. अब विपक्ष बीजेपी के खिलाफ मिशन 2024 का मास्टरप्लान तैयार करने में जुट गया है.


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क्या बीजेपी को शिकस्त देगी विपक्षी एकता?
दक्षिण से लेकर पश्चिम बंगाल और बिहार कांग्रेस खुद की जमीन मजबूत करने की कोशिशों में जुट गई है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद हुए पहले परीक्षा यानी कर्नाटक चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस को जबरदस्त सफलता हासिल हुई. अब ऐसे में कांग्रेस के प्रति अन्य विपक्षी दलों का झुकाव बढ़ता दिख रहा है. जेडीयू, सपा, आरजेडी, एनसीपी और टीएमसी... सभी पार्टियों को कांग्रेस एकसाथ लाने की कोशिश में जुटी है.


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने जद-यू अध्यक्ष ललन सिंह के साथ सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने विपक्षी दलों की बैठक बुलाने की घोषणा की. नीतीश कुमार की सोमवार की मुलाकात को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले गैर-भाजपा, समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने के प्रमुख प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.


विपक्षी दल की बैठक की तारीख और जगह होगी तय
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव संगठन के.सी. वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा, हम विपक्षी दल की बैठक की तारीख और जगह तय करेंगे. तारीख एक या दो दिनों में तय की जाएगी. इसमें अधिकांश दल भाग लेंगे. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह ने कहा, आज की बैठक में विपक्षी एकता पर चर्चा हुई. वहीं विपक्षी एकता के लिए सर्वदलीय बैठक की तारीख और कार्यक्रम एक-दो दिन में तय कर लिया जाएगा. किन-किन पार्टियों को आमंत्रित किया जाएगा, इसकी सूचना यथासमय दी जाएगी.


कांग्रेस प्रमुख के 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर हुई बैठक में नेताओं ने एक घंटे तक चर्चा की और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने पर मंथन किया. हालांकि, बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव सोमवार को बैठक में शामिल नहीं हुए. सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य कारणों से वह बैठक में शामिल नहीं हो सके.


नीतीश से मिले राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे
नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद खड़गे ने ट्वीट कर कहा, 'देश अब एकजुट होगा. लोकतंत्र की मजबूती हमारा संदेश है. राहुल गांधी और मैंने आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की और आगे की बात की. देश को एक नई दिशा देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.' इससे पहले 12 अप्रैल को खड़गे, राहुल गांधी, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने विपक्षी दलों को साथ लाने के लिए पहली बार बैठक की थी.


कर्नाटक में प्रचंड जीत के साथ कांग्रेस को अब अधिक सौदेबाजी की शक्ति मिल गई है. कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी खुद को लगभग 200 सीटों तक सीमित नहीं रखेगी और अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग करेगी. मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहले स्टालिन और शिवसेना-यूबीटी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित कई विपक्षी नेताओं से बात की थी, ताकि भाजपा को लेने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के बीच एकता बनाने की कोशिश की जा सके.


नीतीश कुमार ने सोरेन, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी, बीजद नेता नवीन पटनायक, उद्धव ठाकरे, राकांपा प्रमुख शरद पवार को एक मंच पर लाने के लिए मुलाकात की थी.
(इनपुट- आईएएनएस)


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