नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से मतदाताओं के लिए लुभावनी घोषणाओं की बरसात को आम आदमी पार्टी (आप) की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ‘दिल्ली मॉडल’ की नकल करार दिया है.


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केजरीवाल के ‘दिल्ली मॉडल’ की नकल कर रही
रानी अग्रवाल ने इंदौर में ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा, 'शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के बुनियादी क्षेत्रों में केजरीवाल की ओर से दिल्ली की जनता के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को भाजपा और कांग्रेस द्वारा मुफ्त की रेवड़ियां बताया जाता रहा है. लेकिन अब ये दोनों पार्टियां मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों से पहले केजरीवाल के ‘दिल्ली मॉडल’ की नकल कर रही हैं.'


उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में मतदाताओं के बीच भ्रम फैलाने के लिए भाजपा और कांग्रेस की ओर से आकर्षक घोषणाओं का ‘चुनावी ढकोसला’ किया जा रहा है, लेकिन दोनों ही दलों के लिए केजरीवाल के ‘दिल्ली मॉडल’ को जमीन पर उतारना बेहद मुश्किल है. अग्रवाल, सिंगरौली की महापौर हैं. उन्होंने तंज किया, 'कोरी चुनावी घोषणाओं के मामले में भाजपा और कांग्रेस दो सगे भाइयों की तरह हैं.'


गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पेश की गई ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ के तहत गरीब और मध्यम वर्ग की करीब 1.25 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि पहुंचाने का सिलसिला 10 जून से शुरू किया है.


शिवराज सिंह चौहान के इस फैसले के बाद बढ़ी सरगर्मी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि इस रकम को धीरे-धीरे बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह तक पहुंचाया जाएगा. दूसरी ओर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनकी पार्टी के सूबे की सत्ता में लौटने पर महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये देने, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराने और हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त उपलब्ध कराने के साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली और कृषि ऋण माफी जैसे चुनावी वादे किए हैं. प्रियंका ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए 12 जून को जबलपुर की रैली में ये घोषणाएं की थीं.


‘आप’ की प्रदेश अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि देश की आजादी से लेकर अब तक मध्य प्रदेश के लोग भाजपा या कांग्रेस की सरकारें बनाते आ रहे हैं, लेकिन कथित तौर पर भारी-भरकम कर्ज, भ्रष्टाचार, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्रों की गंभीर कमियों और बेरोजगारी के कारण राज्य की हालत आज भी ‘बेहद खराब’ है. अग्रवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी केजरीवाल के ‘दिल्ली मॉडल’ की नजीर के साथ ही स्थानीय मुद्दों को लेकर मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में उतरेगी.


उन्होंने कहा, 'जनता को केवल काम से मतलब है. हम मतदाताओं से कहेंगे कि अगर हमने दिल्ली में अच्छा काम किया है, तो आप हमें मध्य प्रदेश में भी वोट दीजिए. वरना ऐसा मत दीजिए.' अग्रवाल ने कहा, 'अगर हमें मध्य प्रदेश में पांच साल के लिए सरकार बनाने का मौका मिलता है, तो हम राज्य में केजरीवाल के ‘दिल्ली मॉडल’ को दोहराकर दिखाएंगे.' गौरतलब है कि ‘आप’ ने इस बार मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. पार्टी ने सूबे में 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान 208 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इनमें से 207 सीटों पर उनकी जमानत जब्त हो गई थी. केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी पिछले विधानसभा चुनावों में पड़े कुल वैध मतों में से केवल 0.66 प्रतिशत वोट हासिल कर पाई थी.


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