नई दिल्ली: Kumari Seilja Haryana: हरियाणा कांग्रेस में कुछ बड़ा हो सकता है- इसकी चर्चा सूबे के गलियारों में जोरों से है. हरियाणा कांग्रेस की बड़ी दलित नेता और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा को BJP और BSP जॉइन करने का ऑफर मिला है. प्रदेश में कांग्रेस की सियासत में खुद को अलग-थलग मान रहीं कुमारी सैलजा ने प्रचार से भी दूरी बना ली है. 13 सितंबर को सैलजा ने अपने हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया. इसके बाद वे न तो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और न ही कहीं प्रचार करती हुई नजर आई हैं.


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क्यों नाराज हैं कुमारी सैलजा?
दरअसल, हरियाणा के नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम था. इसमें उनके एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी कर दी. जस्सी पेटवाड़ को पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के कोटे से टिकट मिला है. विपक्ष का आरोप है कि हुड्डा के कहने पर ऐसी टिप्पणी की गई है. 


BJP से खट्टर ने दिया ऑफर
इस मुद्दे पर सियासत तब गरमाई जब मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर ने सैलजा को भाजपा में आने का ऑफर दे डाला. उन्होंने कहा- इस अपमान के बावजूद हुड्डा और गांधी परिवार कोई शर्म नहीं आई है. एक बड़ा वर्ग सोच रहा है कि क्या करें. हमने पहले भी कई नेताओं को अपने साथ मिलाया और हम तैयार हैं उन्हें (कुमारी सैलजा) भी साथ लाने के लिए.


BSP से आकाश ने दिया ऑफर
आकाश आनंद ने कहा- सैलजा जी बहुत बड़ी दलित नेता हैं. उन्होंने पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित किया, उन्हें बदले में गालियां और जातिगत टिप्पणी सुनने को मिलीं. हम इस घड़ी में सैलजा जी के समर्थन में खड़े हैं. हम उन्हें पहले भी ऑफर दे चुके हैं, अब फिर दे रहे हैं. बसपा में उन्हें पूरा मान-सम्मान मिलेगा, जो कांग्रेस उन्हें कभी नहीं दे पाई.


सैलजा को अपने पाले में क्यों करना चाह रही पार्टियां?
दलित चेहरा: कुमारी सैलजा प्रदेश की बड़ी दलित नेता हैं. लोकसभा चुनाव में दलित वोटर भाजपा के खिलाफ था, BSP से भी छिटका. अब दोनों पार्टियां चाह रही हैं कि किसी तरह से भी दलित वोटर्स को अपने पक्ष में किया जाए. कुमारी सैलजा इसमें बड़ी मददगार साबित हो सकती हैं.  लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस+ को 68% दलित वोट मिले. जबकि भाजपा को महज 24% दलित वोट मिले थे.


सियासी प्रभाव: कुमारी सैलजा का प्रदेश की उन सीटों पर प्रभाव है, जहां दलित तबके के वोटर्स हैं. करीब 21 सीटों पर सैलजा का दबदबा माना जाता है. हरियाणा में 20 फीसदी दलित समाज है, जिसके ज्यादातर लोग सैलजा से कनेक्ट महसूस करते हैं.


आरक्षित सीटें: सैलजा आरक्षित सीटें जीतने में अहम भूमिका निभा सकती हैं. हरियाणा की 90 में से 17 सीटें आरक्षित हैं. इन पर बड़ी संख्या में SC वोटर है.


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