नई दिल्लीः जाहिर तौर पर राजनीतिक गुगली फेंकते हुए एनसीपी-एसपी अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उप मुख्यमंत्रियों, देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार को पुणे के बारामती स्थित अपने घर पर शनिवार को रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया है. तीनों नमो रोजगार मेले के लिए शरद पवार के गढ़ बारामती का दौरा करेंगे, जिसमें लोकसभा चुनाव से पहले हजारों बेरोजगार लोगों को नौकरियां दी जाएंगी.


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हैरानी की बात यह है कि शरद पवार को उनके पिछवाड़े में स्थापित और उनके द्वारा संचालित प्रतिष्ठित संस्थान, विद्या प्रतिष्ठान में होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है. हालांकि उनकी बेटी और एनसीपी-एसपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले और दो अन्य सांसद, वंदना चव्हाण और डॉ. अमोल कोल्हे और विभिन्न दलों के अन्य प्रमुख नेताओं का नाम निमंत्रण सूची में है.


जानें क्यों खास है ये मीटिंग
जुलाई 2023 में एनसीपी के विभाजन के बाद यह अपनी तरह का पहला मेगा-इवेंट है, जिसमें सीएम और दोनों डिप्टी सीएम शामिल होंगे. यह स्पष्ट नहीं है कि शिंदे-फडणवीस-अजित शरद पवार के रात्रिभोज के निमंत्रण को स्वीकार करेंगे या नहीं, जिसने पहले ही सत्तारूढ़ महायुति शासन के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी है.


गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सुप्रिया सुले ने अफसोसजनक लहजे में कहा कि उन्हें और उनके सहयोगी चव्हाण को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके पिता शरद पवार का नाम हटा दिया गया था, हालांकि वह उस संस्थान के प्रमुख हैं, जहां मेगा-इवेंट आयोजित किया जा रहा है. पवार कबीले के एक अन्य सदस्य, विधायक रोहित आर. पवार और सुले के भतीजे ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और आधिकारिक कार्यक्रम के लिए शरद पवार को आमंत्रित करने के लिए सरकार की आलोचना की.


रोहित आर. पवार ने कहा, "सरकार नौकरियों के नाम पर युवाओं पर पैसा खर्च करेगी और बड़े-बड़े वादे करेगी जो शायद उन्हें नहीं मिलेंगे...".
एनसीपी-एसपी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. जितेंद्र अवहाद ने भी घटनाक्रम पर नाराजगी जताते हुए इसे "अवांछनीय बताया, खासकर तब जब समारोह शरद पवार जैसे राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित नेता के गृहनगर में आयोजित किया जा रहा हो."


पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि इससे सरकार की छोटी मानसिकता और शरद पवार जैसे राष्ट्रीय दिग्गज और चतुर राजनीतिक नेता की मौजूदगी में "उनकी असुरक्षा" का पता चलता है. शरद पवार, जिन्होंने 1972 में विद्या प्रतिष्ठान की स्थापना की थी, इसके मौजूदा अध्यक्ष हैं, जबकि समिति के सदस्यों में उनके पोते युगेंद्र एस.पवार, सुप्रिया सुले, अजीत पवार और उनकी पत्‍नी सुनेत्रा ए.पवार सहित अन्य शामिल हैं.


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