नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ दल भाजपा की शिवराज सरकार द्वारा हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की जा रही है. आधी आबादी और किसानों के लिए सरकार कई फैसले कर चुकी है. आने वाले दिनों में कर्मचारी वर्ग को खुश करना भी सरकार का लक्ष्य है.


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कर्मचारियों और पेंशनरों को खुश करने की रणनीति
राज्य में कर्मचारियों और पेंशनर की संख्या पर गौर किया जाए तो यह संख्या लगभग 14 लाख के आसपास है. इनमें साढ़े सात लाख नियमित कर्मचारी हैं तो साढ़े चार लाख पेंशनर हैं, इसके अलावा सवा दो लाख संविदा कर्मचारी हैं.


सरकार इन कर्मचारियों और पेंशनरों को खुश करने की रणनीति पर काम कर रही है. नियमित कर्मचारियों की जहां महंगाई भत्ता बढ़ाने की तैयारी है तो वही पेंशनरों की समस्या का भी निपटारा किया जाना है. इसके अलावा संविदा कर्मचारियों को भी बड़ी सौगात सरकार की ओर से दी जा सकती है. इस पर कर्मचारी कल्याण समिति के माध्यम से विचार-विमर्श जारी है.


शिवराज सरकार ने चुनाव से पहले की ये तैयारी
जानकारों की माने तो 14 लाख कर्मचारी, पेंशनर्स और संविदा कर्मचारियों से जुड़े परिवार और उनसे जुड़े मतदाताओं की संख्या 60 लाख के आसपास पहुंच जाती है. लिहाजा, सरकार कर्मचारियों को खुश कर बड़ा सियासी दांव खेलना चाहती है.


राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार इससे पहले लाडली बहना के जरिए महिलाओं के बड़े वर्ग को खुश करने में कामयाब हुई है और किसानों को भी सम्मान निधि में बढ़ोतरी कर अपनी तरफ आकर्षित किया है. अब इसी क्रम मे कर्मचारियों को महंगाई भत्ता, पेंशनर्स की अन्य समस्याओं और संविदा कर्मचारियों के लिए कोई फैसला करती है तो चुनावी दांव साबित हो सकता है.


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