Azamgarh: BSP ने खींचा प्रत्याशी तो फंसे धर्मेंद्र यादव? जानें BJP को कैसे मिल सकता है फायदा
Azamgarh Lok Sabha Seat: उत्तर प्रदेश की यादव-मुस्लिम बाहुल्य सीट आजमगढ़ से बसपा ने अपना उम्मीदवार बदल कर सभी पार्टियों को चौंका दिया है. BSP के इस दांव से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कई लोग इसे इंडिया गठबंधन के लिए तगड़े झटका के रूप में देख रहे हैं, तो वहीं कई लोगों का मानना है कि इसका खास असर आजमगढ़ की राजनीति में पड़ने वाला नहीं है.
नई दिल्लीः Azamgarh Lok Sabha Seat: उत्तर प्रदेश की यादव-मुस्लिम बाहुल्य सीट आजमगढ़ से बसपा ने अपना उम्मीदवार बदल कर सभी पार्टियों को चौंका दिया है. BSP के इस दांव से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कई लोग इसे इंडिया गठबंधन के लिए तगड़े झटका के रूप में देख रहे हैं, तो वहीं कई लोगों का मानना है कि इसका खास असर आजमगढ़ की राजनीति में पड़ने वाला नहीं है. आजमगढ़ से बसपा ने पहले पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को टिकट दिया था, लेकिन यादव-मुस्लिम समीकरण को देखते हुए BSP ने अब शबीहा अंसारी को चुनावी अखाड़े में उतार दिया है. वहीं, भीम राजभर को सलेमपुर से उम्मीदवार बना दिया है.
पहली बार चुनाव लड़ने जा रही हैं शबीहा अंसारी
सबसे खास बात यह है कि BSP प्रत्याशी शबीहा अंसारी साल 2018 से 2022 तक कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव रह चुकी हैं. आजमगढ़ के पहाड़पुर की रहने वाली 32 वर्षीय शबीहा अंसारी पहली बार किसी चुनाव में भाग लेने जा रही हैं. उन्होंने शिक्षा शास्त्र में परास्नातक की डिग्री हासिल की है. इसके अलावा वे पहाड़पुर में एक कोचिंग सेंटर भी चलाती हैं. बहरहाल, आइए एक नजर इस बात पर डालते हैं कि शबीहा अंसारी का आजमगढ़ से चुनावी ताल ठोकना इंडिया गठबंधन के लिए कैसे खतरे की घंटी साबित हो सकता है.
BJP ने आजमगढ़ से निरहुआ को बनाया है उम्मीदवार
दरअसल, बीजेपी ने यादव-मुस्लिम बाहुल्य आजमगढ़ से यादव कैंडिडेट दिनेश लाल यादव निरहुआ को चुनावी मैदान में उतारा है. निरहुआ मौजूदा समय में आजमगढ़ से सांसद भी हैं. निरहुआ की वजह से यादव वोट बैंक का कुछ हिस्सा एनडीए को मिलने की उम्मीद है. वहीं, सवर्ण जिन्हें BJP का कोर वोटर माना जाता है, वे एकजुट होकर BJP प्रत्याशी को वोट दे सकते हैं. इसके अलावा हाल ही में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर NDA में शामिल हुए थे. यूपी के इस इलाके को ओम प्रकाश राजभर का दबदबा वाला इलाका माना जाता है.
भीम राजभर का हटना इंडिया गठबंधन के लिए खतरे की घंटी?
ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि ओम प्रकाश राजभर की वजह से पूरे राजभर समुदाय का समर्थन आजमगढ़ में BJP को मिलेगा. पहले NDA को इस बात की आशंका सता रही थी कि BSP उम्मीदवार भीम राजभर अपने समुदाय (राजभर समुदाय) के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं, लेकिन अब BSP ने भीम राजभर को यहां से हटाकर BJP की राह आसान कर दी है. ऐसे में भीम राजभर का आजमगढ़ से चुनावी मैदान में न होना इंडिया गठबंधन और सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है.
साथ ही अगर शबीहा अंसारी मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब रहीं, तो इससे BJP की जीत और भी आसान हो सकती है. क्योंकि इस बेल्ट में मुस्लिम को समाजवादी पार्टी का पारंपरिक वोटर माना जाता है. लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने क्षेत्र से एक मुस्लिम महिला को प्रत्याशी बनाकर अल्पसंख्यक वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है. अगर बीएसपी अपनी इस कोशिश में कामयाब हो जाती है तो समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट धर्मेंद्र यादव की राहें मुश्किल हो जाएंगी.
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