नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणों पर बृहस्पतिवार को वरिष्ठ पर्यवेक्षकों तथा प्रभारी के साथ समीक्षा की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा में नेताओं का इंटरेस्ट ऊपर रहा. पार्टी का इंटरेस्ट नीचे चला गया. 


फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का होगा गठन


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इस बैठक में तय हुआ कि हरियाणा में हार को लेकर कांग्रेस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया जाएगा.  खरगे के आवास '10 राजाजी मार्ग' पर हुई इस समीक्षा बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, इस चुनाव में वरिष्ठ पर्यवेक्षक की भूमिका निभाने वाले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कोषाध्यक्ष अजय माकन तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दो अन्य पदाधिकारी थे. प्रभारी दीपक बाबरिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े क्योंकि वह पिछले कुछ सप्ताह से अस्वस्थ हैं. 


बैठक के बाद माकन ने संवाददाताओं से कहा, 'इस बैठक में हरियाणा के चुनाव नतीजों की समीक्षा की गई. आप लोग (मीडिया) भी इस बात को मानते होंगे कि नतीजे अप्रत्याशित थे. एग्जिट पोल और असल नतीजों में जमीन और आसमान का फर्क था. अलग अलग कारण क्या हो सकते हैं, इस पर चर्चा की गई.'


हुड्डा-सैलजा के शामिल न होने की रिपोर्ट


उनका कहना था कि आगे के कदमों की जानकारी बाद में दी जाएगी. इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा के नहीं शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर माकन ने कहा कि जिनको बुलाया गया था, वो सभी आए थे. कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम से जुड़ी शिकायतों के बारे में बुधवार को निर्वाचन आयोग को अवगत कराया था और इनकी जांच की मांग की थी.


'जांच पूरी होने तक सुरक्षित रखे जाए EVM'


मुख्य विपक्षी दल के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से यह आग्रह भी किया था कि उन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को जांच पूरी होने तक सील करके सुरक्षित रखा जाए, जिनको लेकर सवाल उठे हैं. कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘अप्रत्याशित’ और ‘लोक भावना के खिलाफ’ करार देते हुए मंगलवार को कहा था कि इस जनादेश को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि राज्य में ‘तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार’ हुई है.


पवन खेड़ा ने शिकायतों का किया था जिक्र


कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया था कि कई विधानसभा क्षेत्रों से ईवीएम को लेकर शिकायतें आई हैं तथा जिन ईवीएम की बैट्री 99 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई है, लेकिन जिनकी बैट्री 60-70 प्रतिशत चार्ज थी उनमें कांग्रेस की जीत हुई है. 


इसी साल जून में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच हुई पहली बड़ी सीधी लड़ाई में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 48 सीट पर जीत दर्ज की जबकि 2019 में उसे 41 सीट मिली थी. कांग्रेस को 37 सीट पर संतोष करना पड़ा.


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