नई दिल्ली: Article 370: आर्टिकल 370 को थिएटर्स में भरपूर प्यार मिल रहा है. फिल्म की कहानी दर्शकों को काफी पसंद आ रही है और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई कर रही है. फिल्म को थिएटर्स में काफी पसंद किया जा रहा है. तो कुछ लोगों का कहना है कि ये फिल्म एक प्रोपेगेंडा है. फिल्म की कास्ट ने कई बार इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है अब आदित्य सुहास जंभाले ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की है. 


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फिल्म के ऊपर रिसर्च करने में लगा था 5 महीने का समय 


हाल ही में एक बातचीत के दौरान निर्देशक आदित्य सुहास जंभाले ने सरकार समर्थक प्रचार के आरोपों पर खुलकर अपने विचार सामने रखे. उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शकों को गुमराह नहीं किया जा सकता है. जंभाले ने फिल्म की सफलता और निर्माण के दौरान आने वाली चुनौतियों में भी बात की. 'आर्टिकल 370' को मिले जबर्दस्त रिस्पॉन्स के लिए अपना आभार व्यक्त करते हुए जंभाले ने कहा कि फिल्म के लिए व्यापक रिसर्च करने में उन्हें लगभग पांच महीने लगे. उन्होंने बताया कि इसके लिए खोजी पत्रकारों और अन्य स्रोतों का सहयोग भी लिया गया था क्योंकि बहुत सी जानकारी पब्लिक डोमेन में नहीं थीं. 


आलोचना पर निर्देशक ने कही ये बात


जंभाले ने बताया कि विभिन्न घटनाओं, तिथियों और महत्वपूर्ण बिंदुओं इकट्ठा कर इसे एक साथ जोड़ा गया था. इसके लिए फिल्म निर्माण की टीम खुद खोजी पत्रकारों में बदल गई थी. जंभाले ने कहा कि जिस दिन से उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया, उसी दिन से उन्हें एहसास था कि ऐसे आरोप लग सकते हैं. हालांकि, उन्होंने बताया कि वे इस तरह की चीजों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. निर्देशक के मुताबिक दर्शकों को बेवकूफ बनाने की कोशिश करना व्यर्थ है, क्योंकि वे जो देखते हैं और महसूस करते हैं उसके आधार पर राय ही बनाते हैं. जंभाले ने आगे कहा कि  कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है. उन्होंने भारतीय इतिहास के सफल प्रयासों में से एक के रूप में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के मिशन की सराहना भी की.


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