`बाहुबली - द बिगिनिंग` ने पूरे किए 8 साल, प्रभास की फिल्म के इन डायलॉग्स ने फैंस को किया दीवाना
प्रभास स्टारर `बाहुबली- द बिगिनिंग` भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की एक बेहद सफल और यादगार फिल्मों में से एक है. फिल्म को रिलीज हुए 8 साल हो चुके हैं. फिल्म के ये 5 डायलॉग्स काफी दमदार थे.
नई दिल्ली: प्रभास स्टारर 'बाहुबली- द बिगिनिंग' भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की एक बेहद सफल और यादगार फिल्मों में से एक है. इस सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म को रिलीज हुए अब 8 साल हो गए है. ये फिल्म आज ही के दिन यानी 10 जुलाई 2015 को रिलीज़ हुई थी और भारतीय सिनेमा में एक इतिहास रच दिया. इस फिल्म का निर्देशन एस.एस. राजामौली ने किया हैं.
बाहुबली ने पूरे किए 8 साल
इस मैग्नम ओपस ने प्रभास को एक पैन इंडिया स्टार बना दिया और बाद में उनके प्रशंसकों ने उन्हें एक ग्लोबल सेंसेशन बना दिया. फिल्म में सुपरस्टार प्रभास ने सहजता के साथ अमरेंद्र और महेंद्र बाहुबली का डबल रोल प्ले किया और अपने जीवन के 5 से 6 साल बाहुबली यूनिवर्स के नाम कर दिया और जिसका नतीजा जबरदस्त था.
फिल्म थी ब्लॉकबस्टर
इस दौरान अपने काम के लिए सुपरस्टार का अनुशासन, समर्पण और जुनून वास्तव में तब रंग लाया, जब ये फिल्म रिलीज हुई और ग्लोबल एंटरटेनमेंट स्पेस में नए स्टैंडर्ड्स सेट करते हुए एक बड़ी ग्लोबल ब्लॉकबस्टर बन गई. इसके अलावा, प्रभास ने इस फिल्म से जो स्टारडम हासिल किया वह भी कमाल का है.
इस सिनेमाई मास्टर पीस के ग्लोरियस 8 साल पूरे होने के मौके पर, आइए प्रभास के उन एपिट डायलॉग्स पर एक नज़र डालते हैं जो दर्शकों को आज भी अपना दीवाना बना लेते है.
फिल्म के पॉपुलर डायलॉग्स
“औरत पर हाथ डालने वाले की उंगलियां नहीं काटते… काट ते हैं तो गाला”
ये डायलॉग उस आइकोनिक सीन के दौरान बोला गया था, जहां प्रभास एक विशाल हॉल में अपनी ऑन-स्क्रीन पत्नी (अनुष्का शेट्टी द्वारा अभिनीत) का बचाव करते हुए अपराधी का सिर काटते हैं.
“समय हर कायर को अपनी बहादुरी दिखाने का एक मौका जरूर देता है… यही वो क्षण है”
वह इंस्पायरिंग पल जब प्रभास अकेले ही एक बड़े दुश्मन से लोहा लेते हैं और इस लाइन को पढ़कर कुमार वर्मा को प्रेरित करते हैं.
"देवी मां की प्यास बुझाने के लिए एक निर्बल की बाली क्यों, मेरा उमड़ता हुआ रक्त समर्पित हैं"
युद्ध के मैदान में विशाल दुश्मन से मुकाबला करने से पहले, प्रभास उर्फ बाहुबली राज्य की परंपरा को चुनौती देते हैं, जिससे सभी इस सीन और दमदार डायलॉग के दीवाने हो जाते हैं.
“क्या है मृत्यु… हमारे हाथों से शत्रु का मर जाना ये सोचना है मृत्यु… रणभूमि में शत्रु से भयभीत होकर जीवित रहना है मृत्यु?”
युद्ध के मैदान में अपनी बटालियन के गिरते मनोबल को देखते हुए, प्रभास ने यह प्रभावशाली डायलॉग कहा था, जिसने उनमें हिम्मत, वीरता और दुश्मन से मुकाबला करने की ताकत पैदा की.
"अपने हाथों को हथ्यार बना लो... अपनी सांसों को आंधियों में बदल दो... हमारा खून ही महान सेना है"
प्रभास उर्फ बाहुबली अपने मामा कटप्पा के साथ दुश्मन से मुकाबला करने से पहले अपनी सेना को प्रेरित करते हैं!
प्रभास वर्कफ्रंट
काम के मोर्चे पर, प्रभास नेक्स्ट श्रुति हासन के साथ 'सालार', अमिताभ बच्चन और दीपिका पादुकोण के साथ 'प्रोजेक्ट के', संदीप रेड्डी वांगा के साथ 'स्पिरिट' और फिल्म मेकर मारुति के साथ एक और दिलचस्प प्रोजेक्ट में दिखाई देंगे.
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