जब डायरेक्टर ने मनोज बाजपेयी के सामने ही फेंक दी थी उनकी फोटो, आत्महत्या करने का आ गया था ख्याल
Manoj Bajpayee Birthday: मनोज बाजपेयी बाजपेयी आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं. एक्टर ने सत्या, गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है. आज भले एक्टर को किसी इंट्रोडक्शन की जरूरत न हो, लेकिन एक समय था जब माया नगरी में एक्टर के लिए पैर जमाना...
नई दिल्ली: Manoj Bajpayee Birthday: एक्टर मनोज बाजपेयी हिंदी सिनेमा का जाना माना नाम है. वह बेहतरीन एक्टर के साथ एक बेहतरीन इंसान भी है. एक्टर की फैन फोलोइंग लाखों करोड़ों में है. अपनी एक्टिंग के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाई है और लेकिन उन्हें करियर की शुरुआत में काफी दिक्कतें हुईं. एक समय था जब माया नगरी में एक्टर के लिए पैर जमाना नामुमकिन सा हो गया था. सुसाइड तक के बारे में उन्हें ख्याल आने लगे थे.
पड़ोसियों ने उड़ाया मजाक
मनोज बाजपेयी 23 अप्रैल, 1969 में बिहार के पश्चिमी चंपारण के छोटे से गांव बेलवा में जन्मे थे. बचपन से ही उनके दिल में एक्टर बनने का जुनून सवार था. बिहार के बेतिया जिले से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वो 17 साल की उम्र में दिल्ली निकल पड़े थे. जब मनोज ने अपने घर में बताया की वह एक्टर बनना चाहते हैं तो रिश्तेदारों और पड़ोसियों सभी ने उनका खूब मजाक उड़या था, पर किसी को क्या पता था कि आज जिसका मजाक बना रहे हैं,
कल उसी से मिलने के लिए लाइन लगानी पड़ेगी. एक्टर जिस जगह से ताल्लुक रखते हैं वहां एक्टिंग और सिंगिंग को अच्छा नहीं माना जाता था.
डायरेक्टर ने फेंकी फोटो
एक इंटरव्यू में खुलासा करते हुए मनोज बाजपेयी ने बताया था, 'उन सभी लोगों की तरह, जो मुंबई बड़े सपने लेकर आते हैं और संघर्ष करते हैं, मैं भी अपने हिस्से का स्ट्रगल, चिंता, निराशा का एक लंबा दौर लेकर आया था. उस समय एक असिस्टेंट डायरेक्टर को अपनी फोटो दी जाती थी, जो उसे तुरंत आपके सामने कूड़ेदान में फेंक देता था.
अपने अपमान को मोटीवेशन में बदलने के लिए, मैंने डेली न्यूज पेपर में छपने वाली कहानी से एक कैरेक्टर पर काम करना और शाम को दोस्तों के लिए परफॉर्म करना शुरू कर दिया था.'
करने वाले थे सुसाइड
मनोज बाजपेयी की लाइफ में एक ऐसा समय भी आया, जब वो सुसाइड करने के बारे में सोचने लगे थे. करियर की शुरुआत में एक्टर के काफी तंग हालात थे , काफी संघर्षों के बाद भी जब उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी तो एक्टर ने खुदकुशी करने के बारे में सोचा. करीब चार साल तक मेहनत के बाद पहली बार टीवी सीरियल 'स्वाभिमान' में उन्हें काम करने का मौका मिला.
जिसके बाद साल 1998 मे राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' से मनोज बाजपेयी को पहचान मिली. इस फिल्म के लिए उन्हे बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल पुरस्कार भी दिया गया था.
ये भी पढ़ें- उर्फी जावेद ने ईद पर तोड़ी बोल्डनेस की सारी हदें, शेयर कर दी ऐसी फोटोज