नई दिल्ली: पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली (Ghulam Ali) को दुनिया भर में लोग पहचानते हैं. वे हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के बड़े जानकार हैं और पटियाला घराने से ताल्लुक रखते हैं. उनके चाहने वालों के लिए आज का दिन बेहद खास होता है.  5 दिसंबर को गुलाम अली का जन्म पाकिस्तान में साल 1940 में हुआ था. उन्होंने संगीत की तालीम बड़े गुलाम अली साहब से ली थी. आज के इस खास मौके पर आइए, उनकी कुछ मशहूर गजलों से रूबरू कराते हैं.


चुपके-चुपके



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गुलाम अली की यह गजल साल 1980 में रिलीज हुए एलबम 'चुपके चुपके' की है. उनकी यह गजल वर्ल्ड वाइड फेमस है. गुलाम अली की इस गजल को भारत में भी पसंद किया जाता है. 


ये दिल ये पागल दिल मेरा



गुलाम अली की ये खूबसूरत गजल भी साल 1980 में आई थी. गायक की यह गजल एलबम 'पागल दिल मेरा' की है.


तुम्हारे खत में



साल 1983 में गुलाम अली की ये गजल एसबम 'मेरी पसंद' के तहत रिलीज की गई थी. यह गजल आज भी कई महफिलों में रंग जमा देती है.


हम तेरे शहर में



गुलाम अली की 'हम तेरे शहर में' जैसी शानदार गजल काफी मशहूर है. एलबम 'तेरे शहर में' की इस गजल को भी उसी साल रिलीज किया गया था.


पत्ता-पत्ता बूटा-बूटा



यह मशहूर गजल गुलाम अली ने 1998 में आई एलबम 'जुदा भी हो के वो' के तहत रिलीज की गई थी. इस शानदार गजल ने सुर्खियां बटोरी थीं. 


अपनी धुन में



उनकी यह एलबम साल 1999 में आई थी. उनकी इस गजल को खूब पसंद किया जाता है.


खुली जो आंख



यह शानदार गजल गुलाम अली ने साल 2003 में गाई थी. उनकी यह गजल साल 2003 में आई एलबम 'गुलाम अली वन' की है.


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