जब जुगल हंसराज को दे दिया गया `मनहूस` का टैग! जानिए कैसे अर्श से फर्श पर पहुंच गए एक्टर
जुगल हंसराज ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर ही कर ली थी, जो बेहद सफल भी रही. जुगल ने अपने करियर को अर्श से फर्श पर पहुंचते हुए देखा है. वहीं, कई लोगों ने इस दौरान उन्हें काफी ऐसी बातें जो किसी का भी दिल तोड़ सकती थीं.
Jugal Hansraj Birthday Special: पहली ही फिल्म से नेशनल क्रश का टैग हासिल करने वाले एक्टर जुगल हंसराज की आज झलक देख पाना भी मुश्किल हो जाता है. 26 जुलाई, 1972 को क्रिकेटर प्रवीण हंसराज के घर एक प्यारे से बेटे ने जन्म लिया. नाम रखा गया जुगल हंसराज. हालांकि, उन्होंने अपने पिता की तरह क्रिकेट की दुनिया में नहीं, बल्कि एक्टिंग वर्ल्ड में अपना करियर चुना. या फिर यूं कहें कि एक्टिंग ने खुद ही जुगल को चुन लिया था. चलिए आज जुगल हंसराज के जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातों पर चर्चा करते हैं.
चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर जीत लिया दिल
जुगल हंसराज ने 1983 में रिलीज हुई शेखर कपूर की फिल्म 'मासूम' से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर ही एक के बाद एक लगातार कई प्रोजेक्ट्स ऑफर होने लगे. जुगल ने चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में कई फिल्मों के साथ-साथ विज्ञापनों और मॉडलिंग प्रोजेक्ट भी किए. तमाम प्रोजेक्ट्स में काम कर जुगल ने 1994 में फिल्म 'आ गले लग जा' से लीड एक्टर के तौर पर अपनी नई पारी शुरू की.
एक गलती पड़ गई भारी
इसके बाद जब 1996 में भी जुगल की 'पापा कहते हैं' रिलीज हुई तो हर कोई उनका दीवाना हो गया. एक्टर के करियर के जैसे एक नई ऊंचाई मिल गई थी. इंडस्ट्री के बड़े-बड़े निर्माता-निर्देशक जुगल के साथ काम करने के लिए बेताब हो गए. इसी दौरान एक्टर ने भी एक ऐसी गलती हो गई कि उनका अच्छा-खासा करियर एकदम डूब गया. जुगल की कई फिल्में रिलीज होने रही थी. इसके बाद एक पल ऐसा जब लगने लगा कि जुगल अचानक इंडस्ट्री से गायब हो गए हैं.
इसलिए पर्दे से दूर हो गए थे जुगल हंसराज
हालांकि, कहते हैं कि उस समय जुगल कहीं गायब नहीं हुए थे, बल्कि वह अपनी फिल्मों में बेहद व्यस्त हो चुके थे. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जुगल को अपनी फिल्मों में साइन करने के लिए फिल्ममेकर्स के बीच एक होड़ सी मची होती थी. ऐसे में एक्टर ने भी एक साथ करीब 40 फिल्में साइन कर ली, जिनके लिए वह लगातार काम कर रहे थे और इसी वजह से पर्दे से भी दूर होते गए.
बर्बाद हो गई मेहनत
वहीं, जुगल की इन 40 फिल्मों के लिए की गई मेहनत भी बर्बाद हो गई. क्योंकि इनमें से ज्यादातर फिल्मों की शूटिंग तो अलग-अलग वजहों से आधी में ही रुक गई, जबकि कुछ अपने आखिरी पड़ाव पर आकर ठंडे बस्ते में चली गई और कुछ फिल्में ऐसी रहीं जिनकी तैयारी होने के बाद भी इनकी शूटिंग शुरू नहीं हो पाई. इसके अलावा जुगल की जो कुछ फिल्में उनमें दर्शक उन्हें फिर से स्वीकार ही नहीं कर पाए. जुगल ने इन फिल्मों को तब साइन किया जब वह अपने करियर के पीक पर थे. इसका नतीजा ये हुआ कि एक्टर देखते ही देखते पर्दे पर गायब हो गए.
जुगल ने सुनी कड़वी बातें
जुगल ने एक बार एक मीडिया हाउस से इस बारे में बात करते हुए बताया था कि उनकी फिल्में एक के बाद एक बंद होने कारण लोग उन्हें बहुत बुरा-भला कहने लगे थे. एक्टर ने कहा कि वो समय इतना बुरा था कि लोगों ने उन्हें मनहूस तक का टैग दे दिया था. हालांकि, जुगल ने यह भी कहा था कि इन फिल्मों के बंद होने में किसी की भी गलती नहीं थी, ये बस नहीं हो पाया. किसी न किसी कारण फिल्में रुकती गईं.
यहां से की वापसी
हालांकि, जुगल के चाहने वाले आज भी उन्हें बेहद पसंद करते हैं. एक्टर ने लंबे ब्रेक के बाद 2023 में पर्दे पर वापसी की. उन्हें 'शिव शास्त्री बलबोआ' और वेब सीरीज 'लस्ट स्टोरीज 2' में देखा गया. इसके बाद वह 2024 में आई फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां' का भी हिस्सा रहे.
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