Junior Mehmood Death: ऐसे मिला नईम से `जूनियर मेहमूद` का टाइटल, 7 अलग भाषाओं की फिल्मों में काम कर बनाई अनोखी पहचान
Junior Mehmood Death: 15 नवंबर 1956 में मुंबई में जन्मे जूनियर महमूद ने कैंसर से एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 8 दिसंबर को आखिरकार कैंसर से जंग हार गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार रात 2 बजे 67 साल के जूनियर महमूद ने अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर से पूरा बॉलीवुड सदमे में है. आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें.
नई दिल्ली: Junior Mehmood Death: हिंदी सिनेमा में चार दशक तक अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले एक्टर जूनियर महमूद अब नहीं रहे. कल रात करीब 2 बजे वह इस दुनिया को अलविदा कह गए. हाल ही में उनके परिवार से ये खबर सामने आई थी कि एक्टर को फोर्थ स्टेज कैंसर है जिसकी वजह से उन्हें कई मुश्किलों से होकर गुजरना पड़ा था. दिवंगत एक्टर के एक्टिंग करियर की बात करें तो जूनियर महमूद ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में डेब्यू किया था. उन्होंने चार दशक के करियर में सात से ज्यादा भाषाओं की फिल्मों में काम किया.
चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में शुरू किया करियर
जूनियर महमूद ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बार नईम अपने भाई के साथ फिल्म सेट पर थे तो वहां एक चाइल्ड एक्टर पर सीन शूट किया जा रहा था. वह बच्चा बार-बार रीटेक कर रहा था. वहां खड़े महमूद ने कहा कि 'इतना-सा डायलॉग नहीं बोल पा रहा'. यह सुनकर निर्देशक ने कहा कि 'अगर तुम बोल सकते हो तो मैं तुम्हें मौका दूंगा.' आगे उन्होंने अपनी एक्टिंग से निर्देशक का दिल जीत लिया और वहीं से शुरू हुआ उनका एक्टिंग का शानदार सफर.
बस, यहीं से 9 साल की उम्र में जूनियर महमूद का फिल्मी सफर शुरू हुआ.
7 भाषाओं की फिल्मों में किया काम
जूनियर महमूद ने लगभग 250 से ज्यादा फिल्मों में अपनी शानदार एक्टिंग का जलवा दिखाया. उन्होंने राजेश खन्ना से लेकर अमिताभ बच्चन और राज कपूर जैसे सुपरस्टार्स के साथ स्क्रीन पर काम किया है. जूनियर महमूद की कुछ फेमस फिल्मों के बारे में बात करें तो उसमें 'मेरा नाम जोकर', 'कारवां', 'हाथी मेरे साथी', 'मोहब्बत जिंदगी है', 'नैनिहाल', 'हरे रामा हरे कृष्णा', 'बाप नंबरी बेटा 10 नंबरी' जैसी कई ब्लॉकबस्टर शामिल हैं.
जब महमूद के सामने किया था परफॉर्म
जूनियर महमूद ने एक दफा कहा था कि यह अल्लाह की मेहरबानी है कि वह महमूद साहब की तरह दिखते थे और उनकी कॉपी कर लिया करते थे. एक बार महमूद ने अपनी बेटी की बर्थडे पार्टी पर नईम को भी बुलाया. वहां नईम ने महमूद के फेमस गाने ‘हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं…’ पर दिल खोलकर डांस किया. उन्होंने महमूद की चाल ढाल को बखुबी कॉपी किया था जिसे देख वहां मौजूद सभी मेहमान ठहाके लगाकर हंसे थे. नईम का यह टैलेंट देखकर महमूद काफी प्रभावित हुए और उन्हें ‘जूनियर महमूद’ का टाइटल दे दिया.
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