नई दिल्ली:Lata Mangeshkar Death Anniversary: स्वर कोकिला लता मंगेशकर का दो साल पहले निधन हो गया था. लता जी को गुजरे 2 साल हो गए हैं. लोग उन्हें बेहद प्यार करते हैं. लता दीदी ने लगभग सभी भाषा में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं वह अपने गाने खुद कभी नहीं सुना करती थीं. 


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पहला गाना कभी नहीं हुआ रिलीज


28 सितंबर 1929 को इंदौर के मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के घर जन्मी लता दीदी मध्यमवर्गीय मराठी परिवार से ताल्लुक रखती थी. उन्हें संगीत और सुर का ज्ञान विरासत में मिला था. लता जी का पहला गाना "नाचू या गाडे, खेलु सारी मनि हौस भारी" 1942 में किती हसाल नामक एक मराठी फिल्म के लिए तैयार किया गया था, लेकिन इसे बाद में फिल्म से हटा दिया गया और यह कभी रिलीज नहीं हुआ.


कभी नहीं सुने अपने गाने


लता मंगेशकर ने एक बार मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि वह अपने गाने कभी नहीं सुनती हैं. जब उनसे इसकी वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि अगर वह ऐसा करती तो उनकी गायकी में सैकड़ों खामियां नजर आतीं और वह एक गाने में ही काफी समय लगा देती.


ये था लता मंगेशकर का पहला हिट गाना


साल 1948 में लता मंगेशकर का पहला गाना हिट हुआ था. फिल्म ‘मजबूर’ में मास्टर गुलाम हैदर ने दीदी से एक गाना गवाया था, जिसके बोल थे ‘दिल मेरा तोड़ा’.  इसके बाद लता उन्होंने ने एक के बाद एक हिट गाने दिए. लता मंगेशकर ने 30 हजार से भी ज्यादा गाने गाए हैं. वह भारत के तीनों सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न, पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित तीन राष्ट्रीय और चार फिल्मफेयर पुरस्कारों से नवाजी जा चुकी थी. 


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