15 साल की मौसमी चटर्जी ने पूरी की थी बुआ की आखिरी इच्छा, छोटी सी उम्र में ही बसाना पड़ा था घर
Moushumi Chatterjee Birthday Special: मौसमी चटर्जी को उन अदाकाराओं में से एक माना जाता है, जिन्होंने अपनी हर भूमिका को बहुत खूबसूरती से दर्शकों के सामने पेश किया है. आज भी फैंस उन्हें पर्दे पर देखने के लिए बेताब रहते हैं. चलिए आज एक्ट्रेस के जन्मदिन के मौके पर उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें जानते हैं.
Moushumi Chatterjee Birthday Special: मौसमी चटर्जी भारतीय सिनेमा की उन उम्दा कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने बहुत कम उम्र में एक्टिंग की दुनिया में अपने करियर की शुरुआत कर ली थी. बिना ग्लिसरीन आंसों से आंसू छलकाने वालीं मौसमी ने अपने किरदार में इतनी खूबसूरती से डूबती कि दर्शक आसानी से खुद को उनके साथ जोड़ पाते थे. 70-80 के दशक में तमाम शानदार फिल्में देने वालीं मौसमी शुक्रवार, 26 अप्रैल को अपना 76वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं. ऐसे में चलिए आज एक्ट्रेस की निजी जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी दिलचस्प बातें जानते हैं, जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है.
सिर्फ 10 साल की उम्र में शुरू किया करियर
मौसमी चटर्जी सिर्फ 10 साल की थीं, जब उन्होंने इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत की. उनके जिंदादिल अंदाज, बेहतरीन अदाकारी और मासूम सूरत पर देशभर के लोग फिदा होने लगा था. ऐसे में एक्ट्रेस को एक के एक प्रोजेक्ट्स भी ऑफर होने लगे. एक्ट्रेस का करियर ठीक-ठाक चल रहा था. इसी बीच उनके लिए शादी का प्रस्ताव आ गया. इंडस्ट्री के मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर और सिंगर हेमंत कुमार ने अपने बेटे जयंत मुखर्जी के लिए मौसमी का हाथ मांग लिया.
15 साल में हो गई शादी
एक बार मौसमी ने Lehren को दिए एक इंटरव्यू में बताया, 'हेमंत कुमार का परिवार बहुत क्लोज था. वह मुझे बालिका बधू बनाना चाहते थे. मेरे ससुर मेरे पापा के पास आए और बोले के ये हमारी बहू बनेगी. इसके बाद मेरी सगाई थी. उन दिनों मेरी बड़ी बुआ कैंसर से जूझ रही थीं. उन्होंने मेरे ससुर से कहा कि मैं इंदू की शादी देख पाऊंगी. तो उन्होंने कहा- हां जरूर. उस समय मैं सिर्फ 15 साल की थी और 10वीं क्लास में पढ़ रही थी. अप्रैल में मेरे एग्जाम थे. मेरे ससुर ने पूछा- एग्जाम देने हैं? मैंने मना कर दिया.'
17 साल की उम्र में बनीं मां
मौसमी ने आगे बताया कि वह सिर्फ 17 साल की उम्र में मां बन चुकी थीं. उसी समय उन्हें एक फिल्म भी मिल गई. उनके पास तब तक अपनी मर्सिडीज थी. हालांकि, इस दौरान एक्ट्रेस को सक्सेस का सही मतलब भी नहीं पता था. मौसमी का कहना है कि वह बस खुद को पर्दे पर देखकर खुश हो जाया करती थीं.
बंगाली फिल्म से शुरू हुआ करियर
बता दें कि मौसमी ने 1967 में बंगाली फिल्म 'बालिका वधू' से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. वहीं उनकी पहली हिन्दी फिल्म 'अनुराग' रही. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार कई प्रोजेक्ट्स के लिए साइन करती गईं. मौसमी 'कच्चे घागे', 'जहरीला इंसान', 'नाटक', 'दो झूठ', 'अनाड़ी', 'अब क्या होगा', 'हत्यारा', 'दिल और दीवार', 'पीकू', 'हम कौन हैं?', 'आ अब लौट चले' और 'डोली सजा कर रखना' जैसी शानदार फिल्मों का हिस्सा रहीं.
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