नई दिल्ली: नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) इंडस्ट्री के उन कलाकारों में से एक हैं जो दिखने में तो किसी आ आम शख्स जैसे ही हैं, लेकिन जब पर्दे पर आते हैं तो उनकी लाजवाब अदाकारी के सामने बड़े-बड़े स्टार्स भी छोटे नजर आने लगते हैं. नवाजुद्दीन आज बेशक दुनियाभर में एक खास पहचान हासिल कर चुके हैं, लेकिन यहां तक आना उनके लिए आसान नहीं था. इससे पहले वह इतनी मुश्किलें झेल चुके थे कि उनकी जगह कोई और शख्स इस मुकाम के शायद सपने भी नहीं देख पाता.


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संभाली परिवार की जिम्मेदारी


19 मई 1974 को उत्तर प्रदेश के एक छोटे-से कस्बे बुढ़ाना में जन्मे नवाजुद्दीन सिद्दीकी शुक्रवार को अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं. अपने 8 भाई-बहनों में सबसे बड़े होने के कारण नवाजुद्दीन पर परिवार की जिम्मेदारियां भी सबसे पहले आ गईं. इसके बाद घर का खर्च चलाने के लिए उन्होंने कई तरह के काम किए. 


कैमिकल फैक्ट्री में किया खतरनाक काम


उन्होंने करीब डेढ़ साल तक हरिद्वार की गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रैजुएशन किया, लेकिन इसके बाद भी उन्हें अच्छी जॉब नहीं मिल पाई. नौकरी न मिलने की वजह से उन्हें बड़ौदा की एक पेट्रोकेमिकल कंपनी में करीब डेढ़ साल तक काम करना पड़ा. यहां उन्हें केमिकल्स की टेस्टिंग करने जैसा खतरनाक काम करना होता था.


वॉचमैन थे नवाजुद्दीन


नवाजुद्दीन का स्ट्रगल यहीं खत्म नहीं हुआ. उन्होंने वॉचमैन और कुक के तौर पर भी काम किया. एक दिन दोस्त के साथ नाटक देखने पहुंचे नवाजुद्दीन की सिर एक्टिंग का ऐसा जादू चढ़ा कि उन्होंने ठान लिया कि अब तक इसी में अपना करियर बनाएंगे. कुछ वक्त के बाद वह एक एक्टिंग ग्रुप से जुड़ गए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसी दौरान रोजमर्रा का खर्च चलाने के लिए उन्होंने वॉचमैन की नौकरी भी की.


2012 में मिली नवाजुद्दीन को पहचान


नवाज ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1999 में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म 'सरफरोश' से की थी. इस फिल्म में उन्हें कुछ मिनटों का एक छोटा सा रोल मिला था, जिससे वह कोई पहचान नहीं बना पाए. नतीजा ये हुआ कि इसके बाद भी उन्हें जितनी फिल्मों में कास्ट किया गया, सभी में इसी तरह के रोल्स मिले. हालांकि, 2012 में अनुराग कश्यप की 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' आई और नवाजुद्दीन 'फैजल' के रूप में दुनियाभर में मशहूर हो गए.