नई दिल्ली: Mehmood Happy Birthday: सदी का एक ऐसा कॉमेडियन जिसने अपने अंदाज से सिनेमा की विधा को ही बदल डाला. महमूद की कॉमिक टाइमिंग इतनी कमाल की थी कि उनके सामने बड़े से बड़ा कलाकार टिक नहीं पाता था. अरुणा ईरानी को बतौर लीड एक्ट्रेस कास्ट करने से लेकर अमिताभ बच्चन को फिल्मों की बारीकियां समझाने तक वो बेहद दिलदार इंसान थे. यही वजह भी थी कि उन्हें अमिताभ बच्चन अपना गॉडफादर मानते थे.


मेरा बेटा अमित


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महमूद हमेशा अमिताभ बच्चन को मेरा बेटा अमित कहकर ही पब्लिक में संबोधित करते थे. अमिताभ बच्चन के इंडस्ट्री में 25 साल पूरे होने पर महमूद ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं बहुत खुश हूं कि मेरा बेटा अमित इंडस्ट्री में 25 साल का हो गया है. भगवान करे उसे इतने ही बेहतरीन पच्चीस साल और नसीब हों. अल्लाह उसको तंदुरस्ती दे सेहत दे, ये उसके लिए ज्यादा जरूरी है.



कैसे मांगूं काम


एक वक्त आया जब सबकी मदद करने वाले महमूद कि किसी ने मदद नहीं की. उस वक्त महमूद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे थे. काम लगभग ना के बराबर था. फेम पा चुके अमिताभ बच्चन ने उस वक्त उनकी किसी तरह की मदद नहीं की. ऐसे में महमूद कहते हैं कि मैंने जिसको काम दिया मैं उससे काम मांगने जा रहा हूं. तो मैं ये करने नहीं गया. मुझे खुद में शर्मिंदगी महसूस हो रही थी.



दो बाप होते हैं


महमूद के अनुसार जिस आदमी को सफलता मिलती है उसके दो बाप होते हैं एक जो पैदा करता है और दूसरा वो जो पैसा कमाना सिखाता है. कहते हैं कि अमित के पैदा करने वाले बाप बच्चन साहब हैं और दूसरा बाप मैं हूं. अपने साथ घर में रखकर फिल्में दिलाई. फिल्मों में काम दिया, मेरी अमित बहुत इज्जत करता है. अगर वो बैठा होगा और पीछे से मेरी आवाज सुनेगा तो खड़ा हो जाएगा.



अमिताभ से नाराज


महमूद ने एक ऐसा किस्सा बताया था जिसे सुन हर कोई हैरान रह गया. वो दौर था जब अमिताभ बच्चन के पिता गिर गए थे. महमूद उन्हें देखने के लिए अमिताभ के घर गए. एक हफ्ते बाद जिस अस्पताल में महमूद का बाय पास हुआ वहीं अमिताभ बच्चन अपने पिता को लेकर भी आए. वहां बिग बी ने महमूद से मुलाकात नहीं की, ऐसे में महमूद कहते हैं कि अमित ने वहां दिखा दिया कि असली बाप असली होता है और नकली बाप नकली.


वो काफी दुखी होकर कहते हैं कि अस्पताल में आकर अमित ने मुझे विश भी नहीं किया. मुझसे मिलने भी नहीं आया. एक गेट वेल सून का कार्ड भी नहीं भेजा. एक छोटा सा फूल भी नहीं भेजा. ये जानते हुए भी कि भाईजान (यानी महमूद) इसी अस्पताल में है. मेरे साथ तो कर लिया, मैं बाप ही हूं उसका. मैंने माफ कर दिया. कोई बद्दुआ नहीं दी. आई होप वो दूसरों के साथ ऐसा ना करें.


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