नई दिल्ली: दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth) ने अपनी बेहतरीन अदाकारी का जादू हर किसी पर चलाया है. ऐसे में अब उन्हें 51वें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड (51st DadaSaheb Phalke Award) से सम्मानित किया जाने वाला है. केंद्रिय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने गुरुवार को इसका ऐलान किया है. इन अवॉर्ड्स का आयोजन काफी समय पहले ही  होना था, लेकिन कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण इस बार सभी पुरस्कारों में देरी हुई है.


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5 सदस्यों की ज्यूरी ने की एकमत से सिफारिश


केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह खुशखबरी देते हुए अपने एक ट्वीट में लिखा, 'मुझे इस बात की अत्यंत खुशी है कि 2019 का दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड रजनीकांत को मिला है.



5 सदस्यों की ज्यूरी आशा भोसलें, सुभाष घई, मोहनलाल, शंकर महादेवन और बिस्वाजीत चटर्जी ने एकमत से इसकी सिफारिश की है.'


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भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा पुरस्कार


बता दें कि दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड्स को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है. वहीं, रजनीकांत के अभिनय का जादू सिर्फ साउथ की फिल्मों में ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड में भी खूब चला है.



ऐसे में दिग्गज अभिनेता को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है. दक्षिण भारत में उनकी फिल्मों का रिलीज होना किसी उत्सव से कम नहीं होता.


1975 में शुरू हुआ था रजनीकांत का सफर


गौरतलब है कि रजनीकांत ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 25 साल की उम्र से की थी. उन्हें सबसे पहले 1975 में रिलीज हुई तमिल हुई 'Apoorva Raagangal' में देखा गया था. हालांकि, लीड रोल में वह पहली बार 1978 में रिलीज हुई फिल्म तमिल फिल्म 'भैरव' में नजर आए. इस फिल्म को दर्शकों से बेहद प्यार मिला और रजनीकांत देखते ही देखते सुपरस्टार बन गए.


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