नई दिल्ली: रत्ना पाठक भारतीय सिनेमा का एक बड़ा नाम है. उन्होंने अपने लंबे करियर में एक से एक शानदार किरदारों को पर्दे पर उतारा. रत्ना ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1983 में आई श्याम बेनेगल की फिल्म 'मंडी' से की थी. इसके बाद वह छोटे-बड़े प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनती गईं. इसी सफर को तय करते हुए रत्ना की मुलाकात एक दिन नसीरुद्दीन शाह से हुई. दोनों के बीच की दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई है और इन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया. हालांकि, दोनों के लिए ही यह आसान नहीं था.


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परिवार हो गया था नाराज


हाल ही में रत्ना पाठक ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्होंने जब अपने घर में नसीरुद्दीन शाह से शादी की बात रखी तो उनका परिवार काफी नाराज हो गया था. सभी इस रिश्ते के खिलाफ थे. दिग्गज अदाकारा ने कहा, 'जब मैंने शादी की बात की तो मेरे बाबा और मां बहुत परेशान हो गए थे. उन्हें ऐसा लग रहा था कि ये हमारे परिवार में क्या होने जा रहा है.' 


इसलिए खिलाफ थे पेरेंट्स


रत्ना ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा, 'मेरे पेरेंट्स नसीर से शादी के इसलिए खिलाफ नहीं थे कि वह मुस्लिम थे या मुझसे उम्र में बड़े थे, बल्कि उन्हें तो इस बात की चिंता थी कि नसीर पहले ही शादीशुदा थे और उनका एक बेटी भी थी. इसके अलावा मेरे पेरेंट्स को यह भी पसंद नहीं था कि वह एक एक्टर हैं और उनकी शक्ल भी बहुत अच्छी नहीं थी.'


1982 में हुई शादी


दिग्गज एक्ट्रेस ने आगे कहा कि उन्हें यह बात परेशान कर रही थी कि हम लोग अपनी लाइफ में आगे क्या करेंगे. हालांकि, बाद में उन्होंने इस शादी के हांमी भर दी और हमारी शादी हो गई. बता दें कि रत्ना पाठक और नसीरुद्दीन शाह की शादी 1982 में हुई थी. इनके दो बेटे इमाद शाह और विवियन शाह हैं. वहीं, नसीरुद्दीन की एक बेटी हीबा शाह भी हैं जो उन्हें पहली पत्नी परवीन मुराद से हैं.


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