नई दिल्ली: मनसा जिले के रहने वाले पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala Murder) की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 29 मई को उनके साथ ये हादसा हुआ. इस हादसे को अंजाम देने की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली. हत्या में शामिल जहां छह लोगों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं दो मारे गए हैं, साथ ही एक अपराधी अब तक फरार चल रहा है.


करियर के दुश्मन


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न्यूज एजेंसी से खास बातचीत के दौरान सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने बताया कि "कुछ लोग उनके बेटे के करियर के दुश्मन बन गए थे, यह उसकी बदकिस्मती थी कि करियर की शुरुआत में जिन लोगों से उसने मुलाकात की, वो सही व्यक्ति नहीं थे. वो इस बात से अनजान था कि जो लोग इसके भाई होने का दावा कर रहे थे वो ही कल उसकी जान के दुश्मन बन जाएंगे."


नाम लेने से किया इनकार


पिता बलकौर सिंह ने उनका नाम लेने से तो मना किया साथ ही बोले की समय आने पर सबका नाम लूंगा. बलकौर सिंह ने आगे बताया कि उन सब लोगों ने मेरे बेटे के गानों से शब्द उठाए, जिससे सरकार और गैंग्स्टर्स को भड़काने की कोशिशें की जाने लगीं. जब उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली तो उन्होंने उसे मरवाने का प्लान बनाया.


अकाली नेता खूनी नहीं था मूसेवाला का मैनेजर


पुलिस ने ये जानकारी साझा की थी कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या सिर्फ बदला लेने के लिए की गई. पिछले साल अकाली नेता विक्की मिद्दुखेड़ा का मर्डर कर दिया गया था. विक्की की हत्या के पीछे सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर शगनप्रीत का नाम आया. वहीं सिद्धू के पिता का कहना है कि शगनप्रीत ने उनके बेटे से पिछले साल ही मुलाकात की थी. जैसे लोग मेरे बेटे के साथ तस्वीरें खिंचवाने के लिए आते हैं वैसे वो भी आया था. वो सिद्धू का मैनेजर नहीं था.


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