Sam Bahadur: विक्की कौशल की फिल्म देखने से पहले सैम मानेकशॉ को करीब से जान लीजिए, दिलचस्प है जिंदगी के किस्से
Sam Bahadur: मेघना गुलजार निर्देशित फिल्म `सैम बहादुर` कुछ घंटो में ही थिएटर्स में लगने वाली है. फिल्म को लेकर दर्शकों में काफी एक्साइटमेंट देखने को मिल रही है. आइए फिल्म रिलीज से पहले जानते हैं फिल्म और सैम बहादुर से जुड़े कुछ अनसुने किस्सों के बारे में.
नई दिल्ली: Sam Bahadur: Sam Bahadur: देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की कहानी अब जल्द ही पूरी दुनिया के सामने होगी. मेघना गुलजार के निर्देशन में बनी 'सैम बहादुर' में विक्की कौशल को सैम मानेकशॉ के अंदाज में देखा जा रहा है. फिल्म का ट्रेलर पहले ही दर्शकों के बीच धमाल मचा चुका है. इसके बाद से ही फिल्म का बेसब्री से इंतजार हो रहा है, जो 1 दिसंबर को खत्म होने वाला है. वहीं, फिल्म देखने से पहले चलिए एक नजर सैम मानेकशॉ की जिंदगी के दिलचस्प किस्सों पर डालते हैं.
कौन थे फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ?
सैम मानेकशॉ का नाम भारतीय सेना के इतिहास में बड़े सम्मान से लिया जाता है. सैम मानेकशॉ का जन्म 3 अप्रैल 1914 को हुआ था और उनका पूरा नाम सैम होरमूजजी फ्रामजी जमशेदजी मानेकशॉ था. उनकी शुरुआती शिक्षा अमृतसर और शेरवुड कॉलेज नैनीताल में हुई थी. मानेकशॉ भारतीय सैन्य अकादमी के लिए चुने जाने वाले 40 कैडेट्स के पहले बैच से थे. मानेकशॉ 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर शानदार जीत के प्रमुख वास्तुकार माने जाते हैं, जिसके कारण बांग्लादेश का जन्म हुआ था. मानेकशॉ के बारे में कहा जाता है कि वह अच्छे कपड़े पहनने के काफी शौकीन थे. सैम मानेकशॉ के 4 दशक के सैन्य करियर में 5 युद्ध शामिल हैं और वह इंडिया के पहले फील्ड मार्शल रहे.
विक्की कौशल को कैसे ऑफर हुई फिल्म?
फिल्म में सैम बहादुर का किरदार निभा रहे एक्टर विक्की कौशल के सैम मानेकशॉ बनने के सफर की बात करें तो ये किस्सा काफी दिलचस्प है. ट्रेलर रिलीज के बाद से ही एक्टर को उनकी एक्टिंग के लिए काफी पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है. बता दें कि विक्की को यह किरदार उनकी नाक की वजह से मिला था. दरअसल असल जीवन के सैम मानेकशॉ की भी नाक लंबी थी, मेकर्स को कोई ऐसा एक्टर चाहिए था जिसकी नाक लम्बी हो. विक्की कौशल के नैन-नक्श मेकर्स को मानेकशॉ से काफी मिलते-जुलते लगे जिस वजह से उन्हें फिल्म में कास्ट किया गया.
'सैम बहादुर' में दिखेगी कई युद्धों की झलक
बता दें कि फिल्म में सैम बहादुर की कहानी दिखाने के साथ-साथ 40 सालों तक सेना की सेवा करने वाले मानेकशॉ द्वारा लड़े हुए 4 और युद्धों की भी झलक दिखाई देने वाली है. जिसमें - द्वितीय विश्व युद्ध, 1947 का भारत-पाकिस्तान युद्ध, 1962 का भारत-चीन युद्ध, 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1971 का बांग्लादेश मुक्ति युद्ध का नाम शामिल है. खबर ये भी है कि फिल्म में दिखाए गए वॉर सीन असली होंगे मतलब फिल्म सेमी डॉक्युमेंटेड हो सकती है. इससे फिल्म को देखने एक्सपीरीयंस और भी ज्यादा खास होने वाला है.
सैम मानेकशॉ से क्यों नाराज हो गईं थीं इंदिरा गांधी?
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री और सैम मानेकशॉ के बारे में कई किस्से मशहूर हैं. 1971 की लड़ाई में इंदिरा गांधी चाहती थीं कि वह मार्च में ही पाकिस्तान पर चढ़ाई कर दें, लेकिन सैम ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, क्योंकि भारतीय सेना हमले के लिए तैयार नहीं थी. इंदिरा गांधी इस बात से नाराज हो गई थीं जिसके बाद मानेकशॉ ने पूछा कि आप युद्ध जीतना चाहती हैं या नहीं. उन्होंने कहा, "हां." इस पर मानेकशॉ ने कहा, 'मुझे छह महीने का समय दीजिए. मैं गारंटी देता हूं कि जीत आपकी होगी.'
इंदिरा गांधी के रोल मिलने पर नर्वस हो गईं थीं फातिमा
'दंगल', 'लूडो' जैसी फिल्मों में शानदार एक्टिंग करने वाली एक्ट्रेस फातिमा सना शेख को जब फिल्म में इंदिरा गांधी का रोल मिला तो वो काफी नर्वस हो गईं थीं. एक्ट्रेस ने कहा कि जब उन्हें ये रोल मिला तो उन्हें पहले इस बात पर यकीन ही नहीं हुआ था. एक्ट्रेस ने अपने एक इंटरव्यू में कहा ‘जब मुझे यह रोल मिला तो मैं नर्वस थी. मुझे नहीं पता था कि मैं इसे कर भी पाऊंगी या नहीं.' उन्होंने आगे कहा 'इंदिरा गांधी का व्यक्तित्व मेरे लिए बहुत बड़ा था. उनकी चीजें लोगों को याद हैं. जब मैंने मेघना को इस बारे में बताया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मुझ पर भरोसा रखो.
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